अमेरिका ने जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत की सराहना की और इसे एक बड़ी ”सफलता” करार दिया। साथ ही ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ की भी सराहना की, जो यूरोप से एशिया तक और दोनों महाद्वीपों में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा।अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ एक ऐतिहासिक कदम है। हमें लगता है कि इससे यूरोप से एशिया तक संपर्क के एक नए युग की शुरुआत होगी जो दोनों महाद्वीपों में आर्थिक वृद्धि, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही ऊर्जा और डिजिटल संपर्क में सहयोग करेगा।”मिलर ने हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन को एक बड़ी सफलता करार दिया।
उन्होंने जी20 सदस्य देशों की ओर जारी बयान के संबंध में कहा, ‘‘जी20 एक बड़ा संगठन है…रूस जी20 का सदस्य है, चीन जी20 का सदस्य है.. ये ऐसे सदस्य हैं जिनके विचार विविध हैं। हम इस तथ्य पर विश्वास करते हैं कि संगठन एक ऐसा बयान जारी करने में सक्षम था जो क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता का सम्मान करने का आह्वान करता है, साथ ही कहता है कि इन सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बयान है क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की मूल वजह यही है।”
मिलर ने कहा, ‘‘इसलिए हमें लगता है कि यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बयान है। आपने सऊदी अरब और भारत के बीच नई आर्थिक व्यवस्थाओं के बारे में जी20 में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी देखीं, जिसका अमेरिका एक हिस्सा है।”इस बीच, अमेरिका ने कई अमेरिकी कृषि उत्पादों पर शुल्क कम करने के भारत के कदम का स्वागत किया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इन शुल्क कटौती से महत्वपूर्ण बाजार में अमेरिकी कृषि उत्पादकों के लिए आर्थिक अवसरों का विस्तार होगा और अमेरिका से भारत में ग्राहकों के लिए अधिक उत्पाद लाने में मदद मिलेगी। इस बीच, अमेरिका के कृषि मंत्री टॉम विल्सैक ने कहा कि इस कदम से अमेरिकी उत्पादकों तथा निर्यातकों के लिए बाजार में नए अवसर उत्पन्न होंगे।