इन्वर्टर में वेंटिलेशन के साथ और भी जरूरी बातों का रखें ख्याल, नही तो पड़ सकता है भारी

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस तपन भरी गर्मी के कारण बिजली भी काफी खर्च होती है, जिसकी वजह से बिजली की कटौती भी सुबह शाम होती ही रहती है। पावर कट की समस्या के कारण इन्वर्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस गर्मी से राहत पाने के लिए एसी, कूलर, फ्रिज का उपयोग तो हम सभी अपने घर में करते हैं। बिजली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम सभी इन्वर्टर का उपयोग अपने घरों में करते है। हम में से ज्यादातर लोग बड़े पैमाने पर इन्वर्टर का उपयोग कर रहे हैं। इन्वर्टर का उपयोग करते समय गर्मियों के सीजन में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। कभी कभी इन्वर्टर में जल्द खराब होने की दिक्कत पाई जाती है। यह हम बात करेंगे इन्वर्टर से जुड़ी कुछ मातियापूर बातों के बारे में,  इन्वर्टर का इस्तेमाल हम  सालों साल तक कर सके इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

वेंटिलेशन बनाए रखें

इन्वर्टर को घर में ऐसे जगह लगाए जहा पर वेंटिलेशन की कोई कमी न हो। अगर हम इन्वर्टर को किसी कोने या अंधेरे वाले जगह पर लगा देते है तो उसे पूरी तरह से वेंटिलेशन नही मिल पाता और इस बेंटियलेशन की कमी के कारण इन्वर्टर के जल्दी खराब होने की आशंका बाद जाती है। इन्वर्टर चलते समय जल्दी गर्म हो जाता है और वेंटिलेशन की कमी इसके लिए खतरनाक भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है की इन्वर्टर कोई ऐसे जगह रखा जाए जहा वेंटिलेशन अच्छा रहे। इन्वर्टर के लिए हवा का आदान प्रदान जरूरी है ।

ओवरलोडिंग ना होने दे

हर इलेक्ट्रॉनिक आइटम की अपनी लोडिंग कैपेसिटी होती है। ठीक वैसे ही इन्वर्टर की भी अपनी लोडिंग कैपेसिटी होती है, एक बार में एक इन्वर्टर से कितने बल्ब और पंखे चलाये जाए, लेकिन हम में से ज्यादातर लोग एक बार में जरूरत से ज्यादा बल्ब और फैन ऑन कर लेते हैं इस कारण इन्वर्टर की बैटरी पर ओवरलोड  पड़ता है और खराब होने की कगार पर आ जाता है।ऐसे में ये जरूरी है की कैपेसिटी को ध्यान में रखकर  इन्वर्टर से पंखे और लाइट का इस्तेमाल करा  जाएं।

बैटरी में पानी का लेवल चेक करें

ये हम सभी को पता है की इनवर्टर में बैटरी भी लगी होती है। बैटरी का सही होना, और उसका सही तरीके से इस्तेमाल कारण अभी जरूरी है। ये जरूरी है की बीच बीच में बैटरी की जांच करते रहें। दो महीने के अंतराल पर बैटरी का वॉटर लेवल  जांचते रहें। ये भी ध्यान दें कि पानी का लेवल न ही ज्यादा  अधिक और ना ही काम हो। बैटरी के लिए डिस्टिल्ड वॉटर का हि उपयोग करें। अगर पानी की कमी से बैटरी में होती है तो बैटरी में आग लगने का खतरा बना रहता है।

बैटरी में जंग ना लगने दे

अक्सर आपने बैटरी के आसपास सफ़ेद रंग का आपने पदार्थ देखा होगा उसके बाद ही उसमें जंग लगने लगती है। इस कारण इस पर लगे टर्मिनल खराब होने लगते हैं। जंग लगने की वजह से बैटरी से आने-जाने का करंट फ्लो कम होता है इसका सीधा असर चार्जिंग पर पड़ता है और चार्जिंग धीमे हो जाती है।