झारखंड में रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद कुछ कैदियों द्वारा प्रवर्तन निदेशालयों (ईडी) के अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाने के प्रयास के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए यहां उच्च न्यायालय ने संघीय जांच एजेंसी को इसकी जांच करने और रिपोर्ट को बंद लिफाफे में दाखिल करने का आदेश दिया है।झारखंड में कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में जांच एजेंसी ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है।
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति आनंद सेन की एक खंडपीठ ने मंगलवार को अलग मामले से संबंधित सुनवाई के दौरान, धन शोधन मामले के संबंध में रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद कैदियों द्वारा ईडी के अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसाने के कथित प्रयासों की मीडिया में प्रकाशित खबरों का जिक्र किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि झारखंड में कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित करने की साजिश रचे जाने की सूचना मिलने के बाद ईडी ने तीन नवंबर को यहां रांची की जेल में गहन तलाशी ली थी।सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए कुछ स्थानीय लोगों द्वारा गवाहों को प्रभावित करने, ईडी अधिकारियों को नुकसान पहुंचाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ व नष्ट करने की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने जेल के कर्मचारियों के साथ तलाशी ली थी।