अपनाएं ये 5 घरेलू नुस्खे, गर्भावस्था के दौरान थकान के कारण होने वाले दर्द से मिलेगी राहत

गर्भावस्था के दौरान थकान के कारण दर्द क्यों होता है? गर्भावस्था के दौरान थकावट या थकान महसूस होना। यह एक सामान्य स्थिति है. थकान के कारण होने वाले दर्द के पीछे शारीरिक, हार्मोनल और मानसिक बदलाव हो सकते हैं। अगर गर्भवती महिला का वजन बढ़ गया हो तो भी उसे थकान के कारण मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द महसूस हो सकता है।इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के बढ़ने से पेट और पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे दर्द और थकान हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण पीठ और योनि क्षेत्र में दर्द हो सकता है। थकान के कारण यह दर्द बढ़ सकता है। तनाव और चिंता के कारण थकान के कारण दर्द भी बढ़ सकता है। तनाव और च‍िंता करने के कारण भी थकान में दर्द बढ़ सकता है। ज‍िन मह‍िलाओं में पोषक तत्‍वों की कमी होती है उन्‍हें ज्‍यादा दर्द महसूस हो सकता है। इस लेख में जानेंगे प्रेग्नेंसी के दौरान, थकान से होने वाले दर्द को दूर करने के आसान घरेलू उपाय।

1. ज्‍यादा से ज्‍यादा आराम करें- थकान के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के ल‍िए प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा से ज्‍यादा आराम करें। आराम करेंगी, तो आप बेहतर महसूस करेंगी। आराम करने से संक्रमण से भी बचाव होता है। लू लगने या थकान होने के कारण शरीर में कमजोरी आ जाती है। कमजोरी को दूर करने के ल‍िए शरीर को ज्‍यादा न थकाएं और ब्रेक लेकर काम करें।

2. हल्‍दी का दूध प‍िएं- प्रेग्नेंसी में थकान के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के ल‍िए हल्‍दी वाला दूध प‍िएं। दूध में हल्‍दी म‍िलाएं। इस दूध को पीने से थकान के कारण होने वाले दर्द से छुटकारा म‍िलता है। हल्‍दी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रात को सोने से पहले हल्‍दी वाले दूध का सेवन करें।

3. नीलग‍िरी का तेल लगाएं- नीलग‍िरी के तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। अगर थकान के कारण तेज दर्द हो रहा है, तो नीलग‍िरी तेल को कोकोनट ऑयल या बादाम के तेल में म‍िलाकर, स्‍क‍िन पर लगा लें और माल‍िश करें। नीलग‍िरी के तेल को दर्द-न‍िवारक बाम या दवा बनाने में भी इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। नीलग‍िरी तेल की 3 से 4 बूंदें ही काफी होती हैं। ज्‍यादा मात्रा से जलन हो सकती है।

4. तुलसी का काढ़ा प‍िएं- प्रेग्नेंसी में थकान के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के ल‍िए तुलसी का काढ़ा प‍िएं। तुलसी में एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीबैक्‍टीर‍ियल गुण होते हैं। तुलसी का काढ़ा बनाने के ल‍िए, तुलसी के ताजे पत्तों को साफ पानी में उबालें। जब पानी में, तुलसी का अर्क म‍िल जाए, तो गैस बंद करके पानी को छान लें। इस पानी में शहद म‍िलाकर पीने से, दर्द से राहत म‍िलती है।

5. नमक की पोटली का इस्‍तेमाल करें- प्रेग्नेंसी में थकान के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के ल‍िए नमक की पोटली का इस्‍तेमाल करें। इसके ल‍िए नमक को गर्म करें और एक पोटली में डालकर माल‍िश करने से आराम म‍िलता है। सादे नमक या सेंधा नमक को तवे पर गर्म कर लें। जब नमक गर्म हो जाए, तो उसे एक सूती कपड़े में रखकर पोटली बांध लें। इस पोटली को दर्द वाले स्‍थान पर रखकर माल‍िश करें। नमक की स‍िंकाई करने से दर्द और सूजन से राहत म‍िलती है।

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