पिछले महीने पूर्वी पाकिस्तान में कई चर्च और ईसाइयों के घरों पर भीड़ के हमला कर दिया था, जिसके कारण वहां हिंसा भड़क गई थी। दरअसल, तीन ईसाइयों ने व्यक्तिगत विवाद के कारण ईशनिंदा के झूठे मामले में फंसाने के लिए दो अन्य लोगों के घर के बाहर इस्लाम के पवित्र ग्रंथ के पन्ने फेंक दिए।
पुलिस ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है।तीन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि हिरासत में लिए गए तीनों संदिग्ध ने साजिश रचने और राजा आमिर के घर के बाहर कुरान के पन्ने फेंकने की बात भी स्वीकार कर ली है। मुसलमानों द्वारा कुरान का अपमान करने का आरोप लगाने के बाद आमिर और उनके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया था।
तीन पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस अपराध का मास्टरमाइंड परवेज कोडू था, उसको शक था कि आमिर का उसकी पत्नी के साथ संबंध है और अगर वो किसी मुस्लिम के घर के बाहर पवित्र किताब के पन्ने फेंक देगा, तो बाकी मुसलमान आमिर को निशाना बनाएंगे और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बात करते हुए कहा कि तीनों लोगों पर अब हिंसा करने और आमिर और उसके भाई को ईशनिंदा के मामले में झूठा फंसाने का आरोप है|
एक स्थानीय शख्स खालिद मुख्तार ने कहा कि उन्होंने तीन लोगों की गिरफ्तारी के बारे में पता चला है और वह पुलिस की ओर से की गई जांच के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं।पंजाब प्रांत के शहर जारनवाला में 16 अगस्त को भीड़ के हमले में कम से कम 17 चर्च और लगभग 100 घर क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस हमले को देश में ईसाइयों के खिलाफ सबसे बड़ा हमला माना गया।
उस घटना के बाद अधिकारियों ने ज्यादातर चर्च की मरम्मत कर दी है और लगभग 100 परिवारों को हजारों डॉलर दिए हैं, जिनके घरों को नुकसान पहुंचा था। पुलिस ने इस घटना में शामिल होने वाले 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है।पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून के तहत, इस्लाम का अपमान करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को मौत की सजा दी जा सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक मामले में ईशनिंदा के लिए मृत्युदंड की सजा नहीं दी है।