भारत और ईएफटीए ने निवेश को बढ़ावा देने और वस्तुओं एवं सेवाओं में दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया। समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, व्यापार सुविधा समेत कई क्षेत्र शामिल किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत-ईएफटीए व्यापार समझौता खुले, निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
मैं इस समझौते के लिए हार्दिक बधाई देता हूं- मोदी
भारत और ईएफटीए के बीच हुआ व्यापारिक समझौते के दिन को खास बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल व्यापार, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और फार्मा जैसे कई क्षेत्रों में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास में ईएफटीए देशों का वैश्विक नेतृत्व सहयोग के नए दरवाजे खोलेगा। पीएम मोदी ने अपने लिखित संदेश में कहा कि भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर करने में शामिल वार्ताकारों और हस्ताक्षरकर्ताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने लंबी छलांग लगाई-मोदी
प्रधानमंत्री का संदेश वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए देशों के मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में पढ़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, भारत की अर्थव्यवस्था ने एक लंबी छलांग लगाई है, जो दुनिया की ग्यारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। हमारा अगला लक्ष्य भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की अर्थव्यवस्था बनाना है। बता दें यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं।
क्या है ईएफटीए
दोनों पक्षों ने अक्तूबर 2023 में बातचीत फिर से शुरू की और इसे जल्द से जल्द खत्म किया। बता दें ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन राज्यों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। हालांकि भारत 27 देशों के यूरोपीय संघ के साथ अलग से एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।