पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हाल ही तक सिंधु जल समझौते को लेकर भारत के खिलाफ विश्व के कई मंचों पर शिकायतें कर रहे थे। लेकिन अब वही पाकिस्तान, जो कई बार भारत के विरोध में सुर मिलाता रहा है, दिल्ली की चौखट पर बैठकर कूटनीतिक और व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
दरअसल, भारत और मध्य एशिया के पांच देशों — कजाकिस्तान, किर्गिज़ रिपब्लिक, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान — के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा से लेकर व्यापारिक साझेदारी तक विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मेजबानी में 6 जून को चौथी India-Central Asia Dialogue बैठक
विदेश मंत्री एस. जयशंकर 6 जून को भारत-मध्य एशिया डायलॉग की चौथी बैठक की मेजबानी करेंगे। मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्री पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। भारत ने इस तरह की तीसरी बैठक दिसंबर 2021 में दिल्ली में ही आयोजित की थी।
5 जून को भारत-मध्य एशिया बिजनेस काउंसिल की बैठक भी हुई
भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए 5 जून को MEA और FICCI के संयुक्त आयोजन में बिजनेस काउंसिल की बैठक भी हुई। इस बैठक में दोनों पक्षों ने निवेश, कारोबारी साझेदारी और तकनीक हस्तांतरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में सुरक्षा, आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा
6 जून को होने वाली डायलॉग बैठक में न केवल व्यापार को बढ़ावा देने पर बात होगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और वैश्विक स्तर की चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श होगा। खासतौर पर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह चर्चा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
प्राचीन सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को नया आयाम
भारत और मध्य एशियाई देश सदियों से गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक रिश्तों में बंधे हैं। यह संवाद मंच इन रिश्तों को मजबूती देने, दोस्ती और विश्वास बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
पड़ोसियों को भी दी गई स्पष्ट संदेश
दिल्ली में आयोजित इस बैठक से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि भारत न केवल अपने सीमावर्ती पड़ोसियों के साथ, बल्कि ‘विस्तारित पड़ोस’ (Extended Neighbourhood) में भी अपनी मौजूदगी और प्रभाव को लगातार बढ़ा रहा है। वहीं, भारत के विरोधी पाकिस्तान जैसे देश अब देखेंगे कि दुनिया भारत के साथ खड़ी है और भारत की भूमिका क्षेत्र में मजबूत होती जा रही है।
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