आईसीसी क्रिकेट विश्वकप के मैचों को देखने के लिए भारत आने के तैयार पाकिस्तानी प्रसंशक और पत्रकार वीजा नहीं मिलने से निराश है। डॉन समाचार पत्र की आज यहां जारी रिपोर्ट के अनुसार वीजा को लेकर पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग, भारत के गृह मंत्रालय के निर्देशों का इंतजार कर रहा है। जोकि प्रसंशक के लिए पीड़ादायक, कष्टदायी इंतजार है। प्रसंशकों को मंगलवार को होने वाले श्रीलंका बनाम पाकिस्तान मुकाबले के छूटने की चिंता सता रही है।
एक प्रसंशक ने रविवार को डॉन समाचारपत्र को बताया, “सबसे बुरी बात यह है कि वीजा के कारण न आने वालों के लिए कोई रिफंड नीति नहीं है।” उन्होंने इस बात पर निराश जताई कि मेजबान भारत पर पाकिस्तान के प्रशंसकों और पत्रकारों को वीजा देने के लिए पर्याप्त दबाव नहीं डाला गया। प्रसंशक ने कहा कि दुर्भाग्य से, क्रिकेट भारत और पाकिस्तान के बीच ख़राब राजनीतिक संबंधों का सबसे बड़ा शिकार रहा है। हालाँकि, कई प्रशंसक वीज़ा मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सुस्त रुख से निराश हैं। पाकिस्तानी मंत्रालय ने कहा है कि भारत को खेल को राजनीति के साथ नहीं मिलाना चाहिए।
कराची स्थित एक रिपोर्टर ने कहा, “आईसीसी केवल सामान्य बयान भेज रही है कि ‘हर प्रयास किया जा रहा है’ लेकिन हमें कोई नतीजा नहीं दिख रहा है।” इस समय अधिकांश पत्रकार अफवाहों पर भरोसा कर रहे हैं कि पाकिस्तान के 50 मान्यता प्राप्त पत्रकारों में से 15 को 14 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबले से पहले वीजा दिया जाएगा।
इस्लामाबाद स्थित एक रिपोर्टर ने कहा, “भारतीय उच्चायोग के अधिकारी पहले काफी संवेदनशील थे लेकिन अभी, वे हमारा फोन भी नहीं उठा रहे हैं।” पीसीबी ने कहा है कि वह प्रशंसकों और पत्रकारों के लिए वीजा जारी करने पर आईसीसी को उनके दायित्वों और सदस्यों के समझौते के बारे में याद दिलाकर संबंधित अधिकारियों के साथ चिंताओं को उठाना जारी रखे हुए है, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है।