महाराष्ट्र के पुणे शहर में मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में आरोपी के सरकारी अस्पताल से भाग जाने के बाद नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि आरोपी ललित पाटिल लगभग एक साल से जेल में था और अस्पताल में उसका इलाज हो रहा था। उन्होंने कहा कि अस्पताल में रहते हुए वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था।
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान भी वह मादक पदार्थों की कथित तस्करी में शामिल था और तीन दिन पहले ही एक नए मामले में उसका नाम सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए 10 टीम बनाई है।
अधिकारी ने बताया कि पाटिल यहां पास की यरवदा जेल में बंद था और उसका बीते तीन महीनों से पुणे के ससून अस्पताल में इलाज हो रहा था। आरोपी को सोमवार शाम जब एक्स-रे जांच के लिए ले जाया जा रहा था, तभी वहां से वह भाग निकला।
उन्होंने बताया कि निगरानी में चूक के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है जबकि चार पुलिसकर्मियों पर आरोपी के अस्पताल में रहते हुए फोन का इस्तेमाल करने को लेकर कार्रवाई की गई है।
पुणे पुलिस के मादक पदार्थ रोधी प्रकोष्ठ ने 30 सितंबर को सुभाष मंडल नामक व्यक्ति को ससून अस्पताल के बाहर पकड़ा था जिसके पास से दो करोड़ रुपये मूल्य की दो किलोग्राम मेफेड्रोन (मादक पदार्थ) मिली।
मंडल ने पुलिस को बताया था कि उसे मादक पदार्थ पाटिल से अस्पताल की कैंटीन में काम करने वाले राउफ शेख के जरिए मिला था।मंडल, शेख और पाटिल के खिलाफ बंडगार्डन थाने में मादक पदार्थ निषेध से संबंधित एनडीपीएस अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।