राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि 1993 में किलारी में महसूस किए गए भूकंप की वजह से देश ने आपदा प्रबंधन का गुर सीखा और व्यक्तिगत स्तर पर उन्हें भविष्य के सभी संकटों का सामना करने का साहस मिला।
श्री पवार ने शनिवार को किलारी गांव में भूकंप कार्रवाई समिति द्वारा आयोजित आभार पुरस्कार समारोह में अपने विचार साझा किये कहा, “मैंने जो काम किया, वह एक जिम्मेदारी थी। हजारों लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया था। ऐसे कई व्यक्ति और संगठन थे, जिन्होंने दान दिया था।
भूकंप के दो घंटे के भीतर, मैं लातूर के तत्कालीन संरक्षक मंत्री विलासराव देशमुख, धाराशिव के संरक्षक मंत्री डॉ. पद्मसिंह पाटिल के साथ किलारी पहुंचा था।” उन्होंने कहा, ‘मैं कामकाजी संगठनों, अधिकारियों और व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं।’ उन्होंने शांतिलाल मुथा को भी विशेष सम्मान से नवाजा। श्री मुथा ने भूकंप में अपने माता-पिता को खोने वाले सैकड़ों बच्चों की देखभाल की।