अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के. टी. परनाइक (सेवानिवृत्त) ने सेना के जवानों से सतर्क रहने और पूर्वोत्तर राज्य में संवेदनशील सीमाओं की रक्षा में भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की परंपराओं को बरकरार रखने का आह्वान किया।राज्यपाल ने शुक्रवार को ऊपरी सुबनसिरी जिले के सीमावर्ती गांव ताकसिंग में सशस्त्र बलों के जवानों से कहा कि राज्य के ताकसिंग सेक्टर में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा देश की सुरक्षा के लिए संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
परनाइक ने इससे पहले 2008 में 4 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में ताकसिंग का दौरा किया था। उन्होंने जवानों को शारीरिक रूप से तंदरुस्त रहने और मानसिक सतर्कता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।राजभवन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने सीमा को सुरक्षित रखने के लिए जवानों के साथ आधुनिक सुरक्षा कदम साझा किए।
उन्होंने अधिकारियों और कर्मियों को ताकसिंग क्षेत्र में सीमावर्ती ग्रामीणों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने तथा आपात स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान करने की सलाह दी।इस संवाद के दौरान राजपूताना राइफल्स, गढ़वाल राइफल्स, अरुणाचल स्काउट्स, 340 फील्ड रेजिमेंट और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अधिकारी और जवान मौजूद थे।ताकसिंग, भारत-चीन सीमा पर स्थित एक गांव है जिसका चयन ‘वाइब्रेंट विलेज’ प्रायोगिक कार्यक्रम के लिए किया गया है।
राज्यपाल ने बाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम का लक्ष्य सीमा के पास स्थित पहले गांव में सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इसे जीवंत बनाने के लिए राज्य प्रशासन, सशस्त्र बलों और स्थानीय लोगों को शामिल करते हुए एक सहयोगात्मक प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल ने ताकसिंग के ग्रामीणों को सड़क सम्पर्क को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया और उन्हें बुनियादी ढांचे, पर्यटक आकर्षण और सामुदायिक हॉल विकसित करके भविष्य के लिए योजना बनाने एवं निर्माण करने और ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए प्रोत्साहित किया।विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यपाल ने ग्रामीणों से ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम में शामिल सरकारी अधिकारियों की मदद के लिए विकास प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह भी किया।