उमर अब्दुल्ला और पीएम मोदी की जेड-मोड़ टनल उद्घाटन पर ‘केमिस्ट्री’ ने मचाई हलचल

जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में जेड-मोड़ टनल के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दिखी केमिस्ट्री ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार की सराहना करते हुए जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी सुधारने और शांति बहाल करने के मोदी सरकार की कोशिशों की भी तारीफ की। इस पूरे घटनाक्रम पर कई राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

महबूबा मुफ्ती ने उमर पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि साल 2003 में जब अटल बिहारी वाजपेई ने श्रीनगर का दौरा किया था, तब उन्होंने मुफ्ती साहब के शांति के दृष्टिकोण पर विश्वास दिखाया था, लेकिन आज उमर अब्दुल्ला, जिनकी पार्टी के पास 50 विधायक हैं, दिल्ली के 2019 के एकतरफा फैसलों को स्वीकार करते हुए केंद्र के एजेंडे को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

विपक्ष ने उमर को आड़े हाथों लिया
टनल के उद्घाटन पर उमर अब्दुल्ला की टिप्पणियां उनके बदले हुए राजनीति के तरीके को दर्शाती हैं। उमर की तारीफों ने विपक्ष को असहज कर दिया है। जहां यह टनल कनेक्टिविटी में सुधार लाएगी, वहीं पीडीपी और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि दिलों की दूरियां खत्म करने की आवश्यकता अभी बाकी है। विपक्ष ने उमर पर बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है।

कश्मीरी नेताओं की प्रतिक्रियाएं
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने उमर अब्दुल्ला की सराहना करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस और पीडीपी, को उमर से सीख लेनी चाहिए। वहीं, जेडीयू जम्मू-कश्मीर के प्रमुख जीएम शाहीन ने उमर के बयान को जनादेश का समर्पण करार देते हुए कहा कि उन्होंने लोगों के बीच हार और निराशा का माहौल पैदा किया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने पीडीपी और अन्य दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपने शासनकाल में किए गए कामों का आत्ममंथन करना चाहिए। वहीं, पीडीपी नेता वहीद पारा ने कहा कि टनल का निर्माण स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या सड़कों की नहीं बल्कि दिलों की दूरी है। उमर साहब आज वही बातें कर रहे हैं जो बीजेपी कहती रही है।

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