सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक ने कर्ज मंजूरी प्रक्रिया को बेहतर बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करने के लिए विभिन्न शहरों में खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र शुरू किया है। बैंक ने एक बयान में कहा कि कुल आठ खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र (आरएलपीसी) खोले गये हैं। इसमें से चेन्नई में एक केंद्र का भौतिक रूप से उद्घाटन किया गया, जबकि सात अन्य आरएलपीसी विभिन्न शहरों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू किए गए।
इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे नए खुदरा कर्ज प्रसंस्करण केंद्र सिर्फ सुविधा के बारे में नहीं हैं। यह एक स्मार्ट, ज्यादा लचीला बैंकिंग ढांचा बनाने के बारे में है। डिजिटल उपकरण और उन्नत आंकड़ों का इस्तेमाल करके हम मजबूत जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित कर रहे हैं और साथ ही कर्ज प्रसंस्करण समय को भी काफी कम कर रहे हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि खुदरा ऋण प्रसंस्करण केंद्र को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, समय को कम करने और खुदरा ग्राहकों को तीव्र और अधिक कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजायन किया गया है।
इंडियन ओवरसीज बैंक ने बेंगलुरु, कोयंबटूर, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में खुदरा कर्ज प्रसंस्करण केंद्र शुरू किया है। प्रत्येक केंद्र डिजिटल प्रौद्योगिकियों और स्वचालन क्षमताओं से लैस है, जिससे त्वरित ऋण स्वीकृति सुनिश्चित होती है। ये सुविधाएं वित्तीय पहुंच को बढ़ाने और खुदरा क्षेत्र में बैंक की वृद्धि रणनीति का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बैंक ने शहर के लोकप्रिय स्थलों में से एक पुरात्ची थलाइवर डॉ. एमजीआर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर अपने एटीएम कियोस्क भी शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह एटीएम महज एक सेवा केंद्र नहीं है, यह परंपरा के साथ नवाचार के सम्मिश्रण के प्रति आईओबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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