उद्योगपति अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की कंपनियां – रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और रिलायंस पावर लिमिटेड 17,600 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने और शून्य कर्ज की स्थिति के साथ अपनी वृद्धि रणनीतियों को क्रियान्वित करने के लिए तैयार हैं।
दोनों कंपनियों ने इक्विटी शेयरों के तरजीही निर्गम के जरिये पिछले दो सप्ताह में 4,500 करोड़ रुपये और प्रसिद्ध वैश्विक निवेश कंपनी वर्डे पार्टनर्स से इक्विटी से जुड़े दीर्घकालिक एफसीसीबी के जरिये 7,100 करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की है। इनकी परिपक्वता अवधि 10 वर्ष है और ब्याज दर पांच प्रतिशत है।
पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से अतिरिक्त 6,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इसमें रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का लक्ष्य 3,000-3,000 करोड़ रुपये जुटाने का है।
अधिकारियों ने कहा कि समाधान होने के साथ ही शेयरधारकों की मंजूरी महीने के अंत तक मिलने की उम्मीद है।
समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इक्विटी या इक्विटी से जुड़े दीर्घकालिक बॉन्ड के माध्यम से पूंजी जुटाने की रिलायंस समूह की रणनीति समूह की कंपनियों को उनकी विस्तार योजनाओं के लिए आवश्यक वृद्धि पूंजी प्रदान करेगी।
सिर्फ 70:30 ऋण से इक्विटी अनुपात के बावजूद इक्विटी या इक्विटी संबद्ध बॉन्ड के जरिये 17,000 करोड़ रुपये जुटाने से समूह की कंपनियों के पास अगले कुछ साल को अपनी कारोबारी योजनाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की गुंजाइश होगी।
इस वित्तपोषण के बाद दोनों कंपनियों का नेटवर्थ करीब 25,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
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