उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले शीर्ष अधिकारियों में शामिल एवं इस सैन्य गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया तथा नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री मार्क रूट को बागडोर सौंप दी।
सैन्य गठबंधन द्वारा अपने इतिहास की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना किये जाने के बीच यह घटनाक्रम हुआ है।
दोनों अधिकारियों ने नाटो मुख्यालय के बाहर एक दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन किया। इससे पहले, उन्होंने शहीद सैन्य कर्मियों को पुष्पचक्र अर्पित किए।
ये दोनों अधिकारी करीब 14 साल पहले क्रमश: नार्वे और नीदरलैंड के नेताओं के तौर पर नाटो की मेज पर एक साथ बैठे थे।
अपने एक दशक का कार्यकाल खत्म करने के बाद, स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘‘मार्क के पास एक महान महासचिव बनने के लिए बिल्कुल सही पृष्ठभूमि है।’’
स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘‘वह 14 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे हैं और उन्होंने चार अलग-अलग गठबंधन सरकारों का नेतृत्व किया है, इसलिए वह जानते हैं कि समझौता कैसे करना है, आम सहमति कैसे बनानी है, और ये ऐसे कौशल हैं जो नाटो में बहुत मायने रखते हैं।’’
इस अवसर पर रूट ने कहा कि उनकी प्राथमिकताएं यूक्रेन के लिए नाटो का समर्थन, रक्षा खर्च में वृद्धि करना और इस सैन्य गठबंधन द्वारा विश्व के अन्य देशों, विशेष रूप से एशिया और मध्य पूर्व के साथ स्थापित साझेदारी को मजबूत करने की होगी।
रूट ने अमेरिका, कनाडा और यूरोप के बीच ट्रांस-अटलांटिक संबंधों को मजबूत बनाए रखने के महत्व को भी रेखांकित किया और विश्वास जताया कि व्हाइट हाउस में जो भी चुना जाएगा, उसके साथ वह अच्छे से काम कर सकेंगे।
सर्वेक्षणों से पता चलता है कि नवंबर में होने वाला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव एक करीबी मुकाबला होगा।
रुट ने कहा, ‘‘मैं दोनों उम्मीदवारों (पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस) को अच्छी तरह से जानता हूं।’’
हालांकि, उन्होंने नाटो सहयोगियों को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित करने और चीन के प्रति अपना दृष्टिकोण सख्त करने के लिए ट्रंप की प्रशंसा की। उन्होंने उपराष्ट्रपति हैरिस के ‘‘शानदार रिकॉर्ड’’ की भी सराहना की और उन्हें ‘‘एक अत्यधिक सम्मानित नेता’’ बताया।
रूट ने कहा, ‘‘मैं उन दोनों के साथ काम कर पाउंगा। चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो।’’
नाटो के 13वें महासचिव स्टोलटेनबर्ग ने 2014 में पदभार संभाला था।
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के 1,000 दिन पूरे होने के साथ ही रूट नाटो के शीर्ष असैन्य अधिकारी बन गए हैं।
पदभार ग्रहण करने के बाद, अपने पहले संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘एक मजबूत, स्वतंत्र यूक्रेन के बिना यूरोप में कोई स्थायी सुरक्षा नहीं हो सकती है।’’
उन्होंने 32 सदस्यीय संगठन के नेताओं द्वारा 2008 में जताई गई इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि ‘‘यूक्रेन का सही स्थान नाटो में है।’’
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