प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिप विशेषकर सेमीकंडक्टर को लेकर दुनिया से 21वीं सदी में भारत पर भरोसा करने की अपील करते हुए बुधवार को कहा कि इस क्षेत्र की वैश्विक कंपनियों के लिए देश में आने का यह सही समय हैं क्योंकि इस उद्योग में अब तक 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है और कई परियोजनाएं पाइप लाइन में है।
श्री मोदी ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सेमिकॉन इंडिया 2024 का शुभारंभ करते हुए कहा, “हमारा सपना दुनिया के हर डिवाइस में भारतीय निर्मित चिप का है। भारत का इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र का आकार दशक के अंत तक 150 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है।”
उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय में भी रूके नहीं, ठहरे नहीं, निरंतर चलती रहे। भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई लगाने के लिए 50 प्रतिशत समर्थन भारत सरकार दे रही है। इसमें राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर और मदद कर रही हैं। भारत की नीतियों के कारण ही बहुत कम समय में 150 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश इस क्षेत्र में हो चुका है।
उन्होंने कहा, “भारत के लिए ‘चिप’ सिर्फ़ सेमीकंडक्टर सेक्टर तक सीमित नहीं है। हमारे लिए यह करोड़ों आकांक्षाओं को पूरा करने का ज़रिया है। आज भारत चिप्स के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। भारत ने चिप्स का इस्तेमाल करके दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है; इन चिप्स की वजह से हम अपनी पहलों को अंतिम छोर तक पहुँचाने में सक्षम हुए हैं।” उन्होंने कहा कि यूपीआई, रूपे कार्ड, डिजीलॉकर और डिजी यात्रा जैसे कई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म अब लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन गए हैं।भारत में अब डेटा सेंटर की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का नेतृत्व करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।
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