अगले 5 साल में लगभग 5 हजार साइबर कमांडो तैयार होंगे : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम पहलू भी बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने साइबर अपराध से निपटने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब 5,000 ‘साइबर कमांडो’ को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय मंत्री शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आई4सी के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। साथ ही उन्हाेंने साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रमुख पहलों का शुभारंभ भी किया।

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा के बिना किसी भी देश का विकास असंभव है। उन्होंने कहा कि तकनीक मानव जीवन के लिए आशीर्वाद साबित होती है और आज सभी नई पहलों में तकनीक का बहुत उपयोग हो रहा है। लेकिन तकनीक के बढ़ते उपयोग से कई खतरे भी पैदा हो रहे हैं, इसीलिए साइबर सुरक्षा अब केवल डिजिटल दुनिया तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम पहलू भी बन गई है। उन्हाेंने कहा कि आई4सी जैसे प्लेटफॉर्म इस प्रकार के खतरों से निपटने में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं। उन्होंने आई4सी से सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर जागरूकता, समन्वय और साझा प्रयास को जारी रखने का आह्वान किया। उन्हाेंने कहा कि कोई भी एक संस्था अकेले साइबर स्पेस को सुरक्षित नहीं रख सकती। यह तभी संभव है जब कई स्टेकहोल्डर्स एक ही मंच पर आकर एक ही तरीके और रास्ते पर आगे बढ़ें।

अमित शाह ने आज यहां आई4सी के चार प्रमुख साइबर प्लेटफॉर्म्स का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना थी, जिसका आज शुभारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ आज साइबर कमांडो, समन्वय प्लेटफॉर्म और सस्पेक्ट रजिस्ट्री का भी शुभारंभ हुआ है।

शाह ने कहा कि आज से आई4सी एक जनजागरूकता अभियान भी शुरू कर रहा है। देश के 72 से अधिक टीवी चैनल्स, 190 रेडियो एफएम चैनल्स, सिनेमाघरों और कई अन्य प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इस अभियान को गति देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित को साइबर अपराध से बचने का तरीका नहीं पता होगा, तब तक यह अभियान सफल नहीं हो सकता।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी न्यूनीकरण केंद्र (सीएफएमसी)के साथ बैंक, वित्तीय संस्थान, टेलीकॉम कंपनी, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और पुलिस को एक ही मंच पर लाकर इस केन्द्र का विचार रखा गया है। उन्हाेंने कहा कि आने वाले दिनों में यह साइबर अपराध की रोकथाम का एक प्रमुख प्लेटफॉर्म बनेगा। उन्होंने कहा कि इस केन्द्र को अलग-अलग डेटा का एआई के उपयोग से साइबर अपराधियों के काम करने के तरीकों (एमओ)की पहचान कर इसकी रोकथाम का काम करना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि साइबर कमांडो कार्यक्रम के तहत 5 साल में लगभग 5 हज़ार साइबर कमांडो तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों -भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम –में देश को साइबर सुरक्षित बनाने के लिए सभी कानूनी इंतजाम किए गए हैं।

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