विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को खाड़ी देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठकें कीं जिस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की तथा उन्हें और अधिक गहरा करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
जयशंकर भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में शामिल होने के लिए तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार को सऊदी अरब की राजधानी पहुंचे।
जीसीसी एक प्रभावशाली समूह है जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 2022-23 में 184.46 अरब डॉलर रहा।
जयशंकर ने सोमवार को कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जासिम अल सानी से मुलाकात की जो विदेश मंत्री का प्रभार भी संभाल रहे हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जासिम अल सानी से अच्छी मुलाकात के साथ दिन की शुरुआत की। भारत-कतर के द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर उनके दृष्टिकोण तथा आकलन की सराहना करता हूं।’’
जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ द्विपक्षीय बैठक की और द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगति पर चर्चा की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान से आज रियाद में मुलाकात की। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का जायजा लिया और वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।’’
जयशंकर ने रियाद में ओमान के विदेश मंत्री बद्र अलबुसईदी से भी मुलाकात की और उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिल अल जयानी से भी मुलाकात की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘बहरीन के विदेश मंत्री डॉ अब्दुल लतीफ बिन राशिद अल जयानी से मुलाकात करके खुश हूं। हमारे रिश्ते और बहरीन में भारतीय समुदाय के योगदान पर उनके सकारात्मक मूल्यांकन की प्रशंसा करता हूं।’’
विदेश मंत्री ने कुवैत के अपने समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याहया से भी द्विपक्षीय मुलाकात की। उन्होंने लिखा, ‘‘कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याहया से एक बार फिर मिलकर प्रसन्न हूं। कुवैत में पिछले दिनों हमारी कारगर बैठक को याद किया। हमारे संयुक्त आयोग की एक बैठक जल्द करके भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।’’
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा शुरू होने से पहले शनिवार को कहा था कि भारत और जीसीसी के गहन और बहुआयामी संबंध हैं जिनमें व्यापार और निवेश तथा ऊर्जा के क्षेत्र, सांस्कृतिक तथा लोगों के संबंध शामिल हैं।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापार साझेदार बनकर उभरा है और यहां बड़ी संख्या में भारत से आए लोग रहते हैं जिनकी संख्या करीब 89 लाख है।’’
जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में यहां पहुंचे हैं। वह रियाद से जर्मनी रवाना होंगे जहां वह जर्मनी के विदेश मंत्री और जर्मनी की सरकार के अन्य मंत्रालयों के प्रभारियों से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करेंगे। यह उनकी बर्लिन की तीसरी द्विपक्षीय यात्रा होगी।
अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में जयशंकर 12 से 13 सितंबर तक जिनेवा की यात्रा करेंगे।
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