राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत शामिल 131 शहरों में से 95 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 21 शहरों में पीएम10 प्रदूषण में 2017-18 के स्तर की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
सीपीसीबी ने यह भी कहा कि एनसीएपी के 131 शहरों में से केवल 18 ने पीएम10 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (एनएएक्यूएस) का पालन किया, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है।
जिन 21 शहरों ने पीएम10 प्रदूषण में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी हासिल की, वे हैं वाराणसी, धनबाद, बर्नीहाट, बरेली, फिरोजाबाद, देहरादून, तूतीकोरिन, नालागढ़, मुरादाबाद, खुर्जा, त्रिची, कोहिमा, लखनऊ, कानपुर, कडपा, शिवसागर, सुंदर नगर, आगरा, ग्रेटर मुंबई, ऋषिकेश और परवाणू।
आंकड़ों के मुताबिक खन्ना, दुर्गापुर, कुरनूल, डेरा बाबा नानक, वडोदरा, इलाहाबाद, आसनसोल, हैदराबाद, गोरखपुर, रांची, बेंगलुरु, अकोला, अनंतपुर, दुर्ग भिलाईनगर, सूरत और नोएडा में इसी अवधि के दौरान पीएम10 के स्तर में 20-30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
वहीं, 21 शहरों दिल्ली, हावड़ा, ठाणे, लातूर, नेल्लोर, गजरौला, अलवर, चित्तूर, काला अंब, मंडी गोबिंदगढ़, अमरावती, पटियाला, जयपुर, ओंगोल, चंद्रपुर, नासिक, झांसी, सांगली, कोटा, दावणगेरे और राजमुंदरी में पीएम 10 प्रदूषण में 10-20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
भारत ने 2019 में एनसीएपी की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य 2017 को आधार वर्ष मानकर 2024 तक अति सूक्ष्म कण पीएम10 से होने वाले प्रदूषण में 20-30 प्रतिशत की कमी लाना था। बाद में लक्ष्य को संशोधित कर 2019-20 को आधार वर्ष मानकर 2026 तक 40 प्रतिशत की कमी करना था। व्यवहार में, प्रदर्शन मूल्यांकन के लिए केवल पीएम10 प्रदूषण पर विचार किया जा रहा है।
शनिवार को सूरत को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए भारत में शीर्ष प्रमुख शहर के रूप में स्थान मिला, जिसके बाद जबलपुर और आगरा का स्थान रहा।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने जयपुर में ‘साफ नीले आसमान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस’ के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में पुरस्कार प्रदान किए।
सूरत, जबलपुर और आगरा ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष तीन स्थान हासिल किए, वहीं फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र) और झांसी (उत्तर प्रदेश) तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में शीर्ष स्थान पर रहे। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में रायबरेली (उत्तर प्रदेश), नलगोंडा (तेलंगाना) और नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश) शीर्ष पर हैं।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पर्यावरण मंत्रालय की एक पहल है, जिसके तहत शहरों को शहर कार्य योजना के तहत अनुमोदित गतिविधियों के कार्यान्वयन और एनसीएपी के तहत कवर किए गए शहरों में वायु गुणवत्ता के आधार पर रैंकिंग दी जाती है।
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