उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कोलेजियम से उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए जिला एवं सत्र अदालत के दो वरिष्ठ न्यायाधीशों के नामों पर पुनर्विचार के लिए कहा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व्यक्तिगत तौर पर इन सिफारिशों पर पुनर्विचार नहीं कर सकते और इस पर सिर्फ उच्च न्यायालय के कोलेजियम द्वारा सामूहिक रूप से गौर किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने जिला एवं सत्र अदालत के दो न्यायाधीशों द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उच्च न्यायालय के कोलेजियम ने उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद के लिए चयन के दौरान उनकी योग्यता और वरिष्ठता पर विचार नहीं किया।
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के कोलेजियम द्वारा कोई सामूहिक परामर्श और विचार विमर्श नहीं किया गया।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर, चार जनवरी, 2024 के उच्चतम न्यायालय कोलेजियम के फैसले के बाद उच्च न्यायालय कोलेजियम को न्यायाधीश चिराग भानु सिंह और न्यायाधीश अरविंद मल्होत्रा की उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उनके नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए।’’
सुनवाई के दौरान दोनों न्यायाधीशों की ओर से पेश हुए वकील ने चार जनवरी के उच्चतम न्यायालय कोलेजियम के प्रस्ताव और इसके बाद केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को भेजे गए पत्र का हवाला दिया था। उन्होंने कहा कि इनके अनुसार उच्च न्यायालय कोलेजियम द्वारा याचिकाकर्ताओं के नामों पर विचार किया जाना चाहिए।
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