हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हुई, 40 से ज़्यादा लोग अब भी लापता

मंडी जिले में दो और शव मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। 31 जुलाई की रात को कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना के साथ-साथ मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में बादल फटने से हुई तबाही के बाद 40 से ज़्यादा लोग लापता हैं।

अधिकारियों ने मंडी जिले के पधर इलाके के राजभान गांव से 23 वर्षीय सोनम और तीन महीने की मानवी के शव बरामद होने की सूचना दी। लापता लोगों को खोजने के लिए खोजी कुत्तों, ड्रोन और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हुए बचाव अभियान जारी है।

सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के 410 बचाव दल खोज अभियान चला रहे हैं। रामपुर उपखंड के ग्राम पंचायत सरपारा के समेज गांव में 30 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। उपप्रधान सरपारा सी एल नेगी के अनुसार, पानी का बहाव कम होने के साथ ही अब मशीनरी उन इलाकों में पहुंच गई है, जहां लापता लोगों के होने की आशंका है।

राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की है और गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के अलावा अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये मासिक प्रदान करेगी। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, 27 जून को मानसून शुरू होने के बाद से राज्य को 662 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें बारिश से संबंधित घटनाओं में 79 लोगों की जान चली गई है।

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