मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को उच्च सदन राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एमएसपी को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और सपा सांसद रामजी ने शोर मचाना शुरू कर दिया। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। आप किसान की चर्चा को बाधित कर रहे हैं। किसानों के मुद्दे पर इस तरह का हंगामा ठीक नहीं है। किसान की सेवा करने का यह तरीका नहीं होता है।
जयराम रमेश आपको किसानों के बारे में ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ ‘घ’ भी नहीं पता है। दरअसल राज्यसभा की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद राम जी सुमन एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार से सवाल कर रहे थे। उन्होंने किसानों की सहायता के लिए 12 जुलाई 2000 को बनी कमेटी को लेकर सवाल उठाए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस समिति को गठित करने का उद्देश्य किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराना, व्यवस्था को पारदर्शी बनाना और कृषि मूल्य को अधिक स्वायत्तता और कृषि वितरण प्रणाली के लिए सुझाव देना है। किसान हमारे लिए भगवान की तरह हैं। किसान की सेवा हमारे लिए पूजा जैसी है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने आगे कहा कि इस समिति के तहत अब तक 22 बैठकें हो चुकी हैं। समिति जो सिफारिश करेगी, उस पर विचार किया जाएगा। इस पर सपा सांसद राम जी ने तंज कसते हुए कहा कि ये जो किसान को भगवान बता रहे हैं उन्हें किसान से कोई लेना देना नहीं है। सीधा जवाब क्यों नहीं देते कि आप एमएसपी को कानूनी दर्जा देना चाहते हैं या नहीं ? बीच में हस्तक्षेप करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ‘राम’ ‘शिव’ से सवाल पूछ रहे हैं। इसके बाद शिवराज सिंह ने सपा सांसद राम जी को जवाब देते हुए कहा कि किसानों की फसल का सही दाम देने के लिए एमएसपी की दरें लगातार बढ़ाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित में लगातार फैसले कर रहे हैं।
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