पुणे पोर्शे कार कांड मामले नाबालिग के ब्लड सैंपल के साथ छेड़छाड़ के आरोप में दो डॉक्टरो को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस कुछ संदिग्धों के खून के नमूने लेकर उनकी जांच कर सकती है. पुलिस को शक है कि नाबालिग की मां के सैंपल के साथ ही उसके ब्लड सैंपल को बदला गया था. हालांकि, शिवानी अग्रवाल अपने आवास पर नहीं हैं.बता दे की नाबालिग उस दिन नशे में धुत होकर गाड़ी चला रहा था। उसके नशे में होने की जांच करने के लिए ब्लड सैंपल लिए गए थे। बताया जा रहा है कि ब्लड सैंपल को बदलने के लिए नाबालिग के पिता ने डॉक्टरों को भी 3 लाख रुपए का लालच दिया था। इस मामले में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जो बदल हुआ ब्लड था। वह किसी महिला का है। हैरान करने वाली बात यह है कि ये ब्लड किसी और महिला का नहीं बल्कि रईसजादे की मां शिवानी अग्रवाल का है। जो फिलहाल फरार चल रही है।
पुणे पोर्श कार कांड में दो युवाओं की जान लेने वाले रईसजादे को बचाने के लिए मां और बाप ने सब हथकंडे अपना लिये। लेकिन उसे बचाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि इस मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। जिससे साफ पता चल रहा है कि नाबालिग ही युवाओं को कुचलने का दोषी है।
दरअसल पुणे में पोर्श कार चला रहे एक रईसजादे ने शराब के नशे में दो युवा इंजीनियरों को रौंद दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई थी। ये रईसजादा कोई और नहीं बल्कि नामी बिल्डर का बेटा है। इस कारण उसे बचाने के लिए मां, बाप, दादा सभी ने उसे बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन वाकई में उसने गलत काम किया है। इस कारण ये चाहकर भी उसे बेगुनाह साबित नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि कोर्ट ने नाबालिग को कुछ माामूली शर्तों पर जमानत दे दी है।
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