सांसद स्वाति मालीवाल केस में कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने विभव को शुक्रवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया था और विभव की चार दिन की न्यायिक हिरासत मांगी थी।ऐसे में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को स्वीकार करते हुए 28 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल केस में कोर्ट ने विभव कुमार को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।तीस हजारी कोर्ट के आदेश के अनुसार विभव कुमार 28 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे. विभव को कोर्ट में आज 24 मई शुक्रवार को पेश किया गया था, पुलिस ने चार दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.इस बीच विभव कुमार ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दी है. इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. कोर्ट ने विभव कुमार की याचिका पर सुनवाई के लिए 27 मई की तारीख तय की है.दिल्ली पुलिस ने बताया कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हमने परिवार के सदस्यों और वकील को विभव से मिलने की अनुमति दी थी. विभव के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत या पुलिस हिरासत दोनों ही आरोपी की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं. किसी भी चीज़ की मांग उचित होनी चाहिए. विभव के वकील ने कहा न्यायिक हिरासत 14 दिन की होती है लेकिन पुलिस 4 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है. विभव कुमार के वकील का कहना है कि न्यायिक रिमांड न्यायालय का विशेषाधिकार है.
बता दे की सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा कि सीसीटीवी आरोपी के अधिकार में नहीं है. जो पेन ड्राइव आरोपी ने दिए हैं वह खाली पाए गए. जिसे एफएसएल को भेज दिया गया है. विभव कुमार ने जांच के दौरान जब्त की गई डीवीआर को सुरक्षित रखने की अपील की थी जिसके विरोध में अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि यह आवेदन देने की जगह नहीं है और इसे खारिज कर दिया जाए.स्वाति मालीवाल ने 13 मई को सीएम आवास में उनके साथ मारपीट किए जाने के आरोप लगाए थे. घटना के पांच दिन बाद आरोपी विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया.पिछली बार जब विभव कुमार को कोर्ट में पेश किया गया था तो दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि विभव कुमार का फोन मुंबई में फॉर्मेट किया गया होगा. इसके बाद पुलिस विभव को भी मुंबई ले गई। पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि विभव कुमार को उसी जगह ले जाया जाएगा जहां फोन फॉर्मेट किया गया था. जांच के बाद विभव को वापस दिल्ली लाया गया.
दिल्ली पुलिस ने विभव को शुक्रवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में पेश किया था और विभव की चार दिन की न्यायिक हिरासत मांगी थी।ऐसे में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को स्वीकार करते हुए 28 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दरअसल, स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मारपीट और बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। स्वाति मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और उनकी मेडिकल जांच कराई गई। मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि होने के बाद दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री के आरोपी पीए विभव कुमार के खिलाफ एक्शन लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था।मिली जानकारी के मुताबिक विभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विभव की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को कोर्ट में पेश किया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें पांच दिनो की रिमांड पर भेज दिया था। आपको बता दें कि रिमांड पूरी होने के बाद 24 मई को दिल्ली पुलिस ने विभव को फिर से कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हे चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक विभव के वकील ने कहा न्यायिक हिरासत 14 दिन की होती है लेकिन पुलिस 4 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है. विभव कुमार के वकील का कहना है कि न्यायिक रिमांड न्यायालय का विशेषाधिकार है।
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