अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। अस्थमा के कारण फेफड़ों के वायुमार्ग में समस्या हो जाती है। अस्थमा के कारण श्वसन नली में सूजन आ जाती है और श्वसन नली सिकुड़ने लगती है। श्वसन वायुमार्ग को ब्रोन्कियल ट्यूब कहा जाता है, जिसके माध्यम से हवा फेफड़ों के अंदर और बाहर जाती है।अस्थमा रोगी का यही मार्ग सूज जाता है, सूजन काफी ज्यादा बढ़ने पर परेशानिया भी बढ़ने लगती हैं। श्वसन मार्ग में सूजन के कारण सांस लेने में घरघराहट, खांसी और एलर्जी जैसी कई परेशानियां होने लगती हैं। आप अस्थमा में होने वाली परेशानियों को योग के माध्यम से कम कर सकते हैं। योग एक ऐसा साधन है, जो तमाम समस्याओं को कंट्रोल में रखता है। इन योगासन में धनुरासन एक ऐसा आसन है, जिसकी मदद से आप कई बीमारियों को कंट्रोल कर सकते हैं। साथ ही इससे अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों को भी कंट्रोल किया जा सकता है। आइए इस जानते हैं किस तरह धनुरासन किया जा सकता है। धनुरासन विधि जानने से पहले इस अस्थमा के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
अस्थमा के लक्षण
सांस लेने में परेशानी अस्थमा के प्रमुख लक्षण होते हैं। इसके अलावा कई अन्य लक्षण भी हैं, जिससे आप अस्थमा के लक्षण के बारे में पता लगा सकते हैं।
- बार-बार खाांसी होना।
- दौरे के साथ खांसी आना।
- सोते समय सीटी की आवाज आना।
- छाती में जकड़पन और भारीपन।
- सांस फूलने की समस्या होना।
- खांसने में कठिनाई होना और सूखी खांस होना।
- गले में शुष्क और अवरुद्ध पैदा होना।
- बेचैनी बढ़नाहोना।
- नाड़ी गति का बढ़ना।
धनुरासन करने के स्टेप्स
- धनुरासन करने के लिए सबसे पहले एस साफ स्थान पर योगा मैट बिछाएं।
- अब इस मैट पर पेट के बल लेट जाएं। अपने हिप्स के नीचें थोड़ा गैप रखें और हाथों को सीधा रखें।
- अब अपने घुटनों को मोड़ते हुए सांस छोड़ें।
- अपनी एड़ी को अपने नितंबों के पास लाएं।
- अब धनुसाकार होते हुए, अपने पैरों की उंगलियों को हाथों से पकड़ें।
- अब गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं।
- इस दौरान अपने पैरों की एड़ियों को थोड़ा अधिक खींचने की कोशिश करेँ.
- पैरों को खींचते हुए अपने पेट के वजन को संतुलित बनाए रखें और अपने सिर को बिल्कुल सीधा रखें।
- शरीर के लचीलेपन के आधार पर अपने शरीर को खींचने की कोशिश करेँ।
- इस स्थिति में 30 सेकंड के लिए रुकें और पुन: अपनी मुद्रा में वापस लौट आएं।