मस्जिद में धमाका, 8 की मौत, 16 घायल, नाइजीरिया के सबसे बड़े राज्य कानो में दहशत का माहौल

कानो राज्य में एक व्यक्ति ने स्थानीय रूप से बने विस्फोटक से एक मस्जिद पर हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप आग लग गई, जिससे कम से कम आठ नमाजियों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए.मस्जिद में ब्लास्ट से उत्तरी नाइजीरिया के सबसे बड़े राज्य कानो में दहशत फैल गई, जहां वर्षों से समय-समय पर धर्म से संबंधित अशांति होती रही है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी हिंसा भी होती है.

मिली रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी नाइजीरिया के कानो राज्य में एक व्यक्ति ने स्थानीय रूप से बने विस्फोटक से एक मस्जिद पर हमला कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप आग लग गई, जिससे कम से कम आठ नमाजियों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए. पुलिस प्रवक्ता अब्दुल्लाही हारुना ने एक बयान में कहा कि संदिग्ध, 38 वर्षीय स्थानीय निवासी, ने कबूल किया कि उसने कानो के सुदूर गदान गांव में मस्जिद पर “लंबे समय से पारिवारिक असहमति के बाद पूरी तरह से दुश्मनी में” हमला किया.

बता दे की घटना की जानकारी देते हुए हारुना ने बाद में गुरुवार को स्थानीय चैनल को बताया कि घायलों में से आठ की बाद में अस्पताल में मौत हो गई. घायल में चार बच्चे भी शामिल थे, हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि किसी बच्चे की मृत्यु हुई या नहीं.इस घटना से उत्तरी नाइजीरिया के सबसे बड़े राज्य कानो में दहशत फैल गई, जहां वर्षों से समय-समय पर धर्म से संबंधित अशांति होती रही है, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी हिंसा भी होती है.

स्थानीय पुलिस प्रमुख उमर सांडा ने संवाददाताओं को बताया, संदिग्ध ने “स्थानीय रूप से तैयार बम के साथ मस्जिद पर हमला किया और विस्फोट कर दिया. इसका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है.”स्थानीय टीवीसी स्टेशन द्वारा प्रसारित फुटेज में मस्जिद में जली हुई दीवारें और जला हुआ फर्नीचर दिखाया गया है, जो मुस्लिम बहुल कानो राज्य के गदान गांव का मुख्य पूजा स्थल है. स्थानीय मीडिया ने यह भी बताया कि नमाजियों को मस्जिद के अंदर बंद कर दिया गया, जिससे उनका भागना मुश्किल हो गया.

निवासी हुसैनी अदमू ने बताया कि कुछ बच्चे अपने चारों ओर आग लगाकर अपनी जान बचाने के लिए भागे. हमें इसे बुझाने के लिए पानी डालना पड़ा. पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी, जबकि घायलों को राज्य की राजधानी के एक अस्पताल ले जाया गया.पुलिस के बयान में कहा गया है, “असहमति विरासत के बंटवारे को लेकर थी, जिन पर (हमलावर ने) उसे धोखा देने का आरोप लगाया था, वे उस समय मस्जिद में थे और उसने अपनी आवाज सुनने के लिए ऐसा किया था.

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