स्मार्टफोन के बड़ते इस्तेमाल की वजह से लोगों के आधे से ज्यादा सभी जरूरी काम अब फोन से ही निपट जाते है। अब फोन अगर नया हो तो इसको चलाने में भी बड़ा मजा आता है लोग अपने फाइन को ज्यादा पुराना होने ही नही देते है, अगर तब भी आप का फोन पुराना है तो आप देख सकते है की इसमें बहुत सी दिक्कते आने लगती हैं. कभी कभी फोन चलते चलते ही फ्रीज हो जाता है और हमें अपने स्मार्टफोन को स्विच ऑफ करना पड़ता है। फिर जब आप दोबारा ऑन करते है तो फोन ठीक से चलने लगता है
सभी फोन में दो सुविधाएं दी जाती है पहली पावर ऑफ और दूसरी रिस्टार्ट दोनों ही ऑप्शन दिए जाते हैं. पावर अगर ऑफ करते है तो इससे फोन बंद हो जाता है और उसे हमें फिर से खोलना पड़ता है. रिस्टार्ट की बटन से फोन अपने आप बंद होकर खुद ही ऑन हो जाता है.
दोनों का काम एक जैसा है इन दोनो में अंतर भी बहुत है।अगर आप अपने फोन को समय समय पर रीस्टार्ट करते रहते है तो इससे मेमोरी लीक नही होती है। और उसे रोकने में भी मदद मिलती है. मेमोरी लीक के होने के लिए, किसी ऐप को काम करने के लिए जब बड़ी मात्रा में मेमोरी की जरूरत पड़ती है, ऐप इस्तेमाल न होने की वजह से, मेमोरी खाली नहीं होती है.
अगर आप अपने फोन को रिस्टार्ट करते है तो अगर आपके फोन में कनेक्टिविटी से जुड़ी परेशानी है रिस्टार्ट करने से इसमें मदद मिलती है. पुराने स्मार्टफोन की बात करें तो जैसे डेटा और Wifi से ये ठीक से कनेक्ट नहीं हो पाते हैं तो फोन को रीस्टार्ट करने से ये असुविधा रिजॉल्व हो सकती है।
फोन को रिस्टार्ट करने से, जब फोन हैंग करता है, ऐप्स सही से नहीं काम करता है, और इस वजह से सॉफ्टवेयर में भी गड़बड़ी आने लगती है.
अगर आप अपने फोन को पावर ऑफ करते हैं तो इससे cache data को साफ करने में मदद मिलेती है, इसकी मदद से आपके फोन को ज़्यादा अच्छे से बिना किसी रुकावट के चलाया जा सकेता है।
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