समुद्र का रौद्र रूप बेहद ही खतरनाक होता है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता हालांकि समुद्र तट का किनारा और लहरें देखने में तो अच्छी लगती है जब यही लहरें अपना भयानक रूप ले लेती हैं तो वहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ केरल के तटीय और तमिलनाडु के दक्षिणी तटीय भागों में कल्लकदल के घटना होने की आशंका जताई जा रही है । सोमवार रात साढ़े 11 बजे समुद्र में अचानक तेज लहरें उठने से मछुआरों और तटीय निवासियों को केंद्रीय एजेंसी ने चेतावनी दी है।कल्लकदल एक तटीय बाढ़ की स्थिति है जो भारत में मानसून से पहले दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाकों में घटित होने की आशंका होती है। कल्लकदल का अर्थ है की समुद्र जो चोरी-छुपे आता हो। कुछ शोध से सामने आया था कि ये जो घटना होती है इसकी वजह है उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाली ऊंची समुद्री लहरों और दक्षिणी हिंद महासागर के ऊपर मौसम संबंधी स्थितियों के बीच ‘टेलीकनेक्शन’ है। टेलीकनेक्शन का अर्थ है की विभिन्न स्थानों में मौसम की घटनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र के मानें तो, समुद्र में लहरें और तेज उठ हो सकती हैं चेतावनी को लोगों के लिए जारी कर दिया गया है कि खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहना उचित है। को लोग बंदरगाह में मछली पकड़ने का काम करते है उनको भी सुरक्षित रूप से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। आईएनसीओआईएस ने निर्देश जारी करते हुए लोगों को समुद्र तटों पर नहीं जाने की और समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है।
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