उत्तर कोरिया ने मंगलवार को जापान से कहा कि वह आने वाले दिनों में एक और उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। जापानी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह संभवतः एक सैन्य जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करने का उत्तर कोरिया का दूसरा प्रयास होगा। इससे पहले, उत्तर कोरिया ने मई के अंत में अंतरिक्ष में जासूसी उपग्रह स्थापित करने का प्रयास किया था।
हालांकि, उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाला उत्तर कोरियाई रॉकेट प्रक्षेपण के कुछ ही देर बाद समुद्र में जा गिरा था। इससे अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अंतरिक्ष आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित करने की उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की योजनाओं को करारा झटका लगा था।
उत्तर कोरिया ने पहले प्रक्षेपण में हुई गलतियों की समीक्षा करने के बाद अंतरिक्ष में सैन्य जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का दूसरा प्रयास करने का संकल्प लिया था। जापान के तट रक्षक बल ने कहा कि उत्तर कोरियाई प्राधिकारियों ने उसे 24 से 30 अगस्त के बीच एक उपग्रहप्रक्षेपित करने की योजना के बारे में सूचित किया है। तट रक्षक बल के प्रवक्ता हीरोमून किकुची ने बताया कि उत्तर कोरिया की तरफ से भेजी गई सूचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह किस तरह का उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है, लेकिन उन्हें लगता है कि प्योंगयांग मई में प्रक्षेपित उपग्रह से मिलता-जुलता सैन्य उपग्रह प्रक्षेपित कर सकता है।
किकुची के मुताबिक, उत्तर कोरियाई नोटिस में उपग्रह के प्रक्षेपण से तीन समुद्री क्षेत्रों के प्रभावित होने की बात कही गई है, जिनमें कोरियाई प्रायद्वीप का पश्चिमी तट, पूर्वी चीन सागर और फिलीपीन के लुजोन द्वीप के पूर्व में स्थित क्षेत्र शामिल हैं। जापानी तट रक्षक बल की वेबसाइट के अनुसार, जापान ने इन तीन क्षेत्रों से गुजरने वाले जहाजों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है।
उत्तर कोरियाई नोटिस के जवाब में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अधिकारियों को जानकारियां जुटाने, उनका विश्लेषण करने और किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने उत्तर कोरिया से प्रक्षेपण न करने की मांग के साथ ही अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य संबंधित देशों के सहयोग का आह्वान भी किया है। उत्तर कोरिया सोमवार को शुरू हुए अमेरिका-दक्षिण कोरिया वार्षिक सैन्य अभ्यास के दौरान इस उपग्रह के प्रक्षेपण की योजना बना रहा है। यह अभ्यास 11 दिनों तक चलेगा। उत्तर कोरिया इसे प्योंगयांग पर आक्रमण के अभ्यास के तौर पर देखता है।