पूरी दुनिया बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रही है, इस स्पीड में बच्चे पीछे नहीं छूट रहे बल्कि वो अपने को युवाओं से दो कदम आगे चल रहे हैं. इसके लिए टीनएजर्स जमकर गैजेट्स का उपयोग कर रहे हैं. जिसका दुष्परिणाम अब देखने को मिल रहा हैं. हाल ही में अमेरिका में एक रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका में पिछले सालों की तुलना में टीएनजर्स में डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के उपयोग से बढ़ रही है. रिसर्च से पता चला है कि ये प्रॉब्लम 2010 के मुकाबले 150 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है.
इन्हीं प्रोब्लेम्स की वजह से अब यूरोप सहित अमेरिका में टीनएजर्स के स्मार्टफोन और सोशल मीडिया न उपयोग करने को लेकर कैंपेन चलाए जा रहे हैं और इन कैंपेन में माता-पिता बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. हाल ही में ब्रिटेन में Daisy Greenwell और Claire Fernie ने अपने बच्चों में स्मार्टफोन की लत को छुड़वाने के लिए WhatsApp group बनाया. जब इन दोनों ने इस कैंपेन को Instagram पर शुरू किया तो इसमें 60 हजार से ज्यादा पैरेंट जुड़ गए. जिसके बाद इन सभी ने मिलकर स्मार्टफोन फ्री चाइल्डहुड नाम का एक ग्रुप बनाया. जिसका उद्देश्य बच्चों में स्मार्टफोन की लत को कम करना है.
भारत में 83 फीसदी टीनएजर्स उपयोग करते हैं स्मार्टफोन
2022 की मैकाफी के ग्लोबल कनेक्टेड फैमिली की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 से 14 साल के बच्चों में 83 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं. इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व में ये संख्या 76 प्रतिशत है. आपको बता दे कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेस की वजह से भी स्मार्टफोन का उपयोग काफी बढ़ा है.
UNESCO ने की स्मार्टफोन के ग्लोबल बैन की वकालत की
UNESCO ने टीनएजर्स के लिए स्मार्टफोन के ग्लोबल बैन की वकालत की थी. वहीं UN Education Science and Cultural Agency की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि स्कूलों में स्मार्टफोन के उपयोग को बिलकुल बंद कर देना चाहिए. वहीं France ने 2018 में 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्मार्टफोन बैन किया था. इसी साल Netherland ने भी स्कूलों में हर तरह के मोबाइल फोन को बैन कर दिया है
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