नेपाल के चर्चित जमीन घोटाला ललिता निवास काण्ड में केन्द्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआईबी) ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट के मुताबिक चार मंत्रियों सहित 290 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। इस घोटाले में नीतिगत निर्णय करने वाले दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को सरकारी गवाह बनाया गया है।
काठमांडू जिला अदालत में सरकारी वकील के मार्फत आज ललिता निवास काण्ड में चार्जशीट दाखिल किए जाने की जानकारी सीआईबी की प्रमुख एआईजी किरण बज्राचार्य ने दी है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में चार पूर्व मंत्रियों सहित 290 लोग आरोपित बनाए गए हैं।
एआईजी बज्राचार्य के मुताबिक पूर्व उपप्रधानमंत्री बिजय कुमार गच्छेदार, पूर्व मंत्री चन्द्रदेव जोशी, डम्बर श्रेष्ठ और संजय साह को मुख्य योजनाकार बनाया गया है। इसके अलावा कुछ बड़े व्यापारियों को इसमें मुख्य आरोपित बनाने की जानकारी भी दी गई है।
इस जमीन घोटाले में दो दिन पहले ही जिन दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयान कलमबंद हुए थे, उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया है। बज्राचार्य ने कहा कि दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों की इस घोटाले में कोई भूमिका नहीं होने के कारण उन्हें सरकारी गवाह बनाया गया है।
सीआईबी ने इस मामले में संचार मंत्रालय के सचिव कृष्ण बहादुर राउत को भी गिरफ्तार किया था। बाद में सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद राउत को रिहा कर दिया गया था। इस चार्जशीट में उनकी भूमिका को लेकर कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है यानी कि सचिव को क्लीन चिट दे दी गई है।