भारत में 9 सितंबर से दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन हो रहा है. दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन में 29 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री, अफसर शामिल होंगे।इसमें शामिल होने आ रहे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को स्मृति चिह्न के रूप में महोबा में बनाए गए पीतल के ‘पुष्पकमल’ भेंट किए जाएंगे. विश्व के इस बड़े सम्मेलन में विदेशी मेहमानों का स्वागत बुंदेलखंड की विरासत से किया जाएगा।उत्तर प्रदेश के महोबा की हस्तशिल्प कला ने जिले को बड़ी पहचान दी है.
महोबा में तैयार ये पीतल के ‘पुष्पकमल’ जो बाइडेन और ऋषि सुनक समेत अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भेंट किए जाएंगे.उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम ने मनमोहन के बनाए पुष्पकमल को 8 महीने पहले चयनित कर लिया था.मनमोहन को यूपीएचएमडीसी ने 50 कमलकृतियों को तैयार करने का ऑर्डर दिया था, जिन्हें बनाकर आज भेज दिया गया है.
मनमोहन ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी समेत सात लोग हैं। पांच बेटियां हैं और दो बेटे हैं। बेटे भी मेटल क्राफ्ट में हाथ बंटाते हैं। वो इसकी ऑर्डर और डिलीवरी का काम देखते हैं। मनमोहन ने कहा, ”हमें 50 पीस का ऑर्डर मिला था, इसके लिए प्रति पीस एक हजार रुपए मात्र है। यानी 50 हजार रुपए का ऑर्डर रहा।”मनमोहन ने बताया कि कमल की कलाकृतियों को समय से बनाकर दिल्ली भेज दिया गया है। उनकी हैंड क्राफ्ट को वर्ष 1998 में राज्य हस्त शिल्प पुरस्कार, 1997 में नेशनल मेरिट अवॉर्ड व 2012 में नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं।
मनमोहन सोनी पीतल की कलाकृतियां गढ़ने के माहिर हैं। मनमोहन 2012 में अपनी कलाकृतियों की मास्को में प्रदर्शनी लगा चुके हैं। देश के सभी प्रमुख शहरों, महानगरों और हस्त शिल्प मेलों में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर चुके हैं।मनमोहन सोनी की बनाए पुष्प कमल उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने 2016 में महोबा में आयोजित परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट में दी थी। तब पीएम मोदी ने इसे बेहद पसंद किया था।
मनमोहन के बड़े भाई कल्याणदास भी नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं. उनके छोटे भाई आजाद व शिवकुमार भी स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं. मनमोहन के काम में घर की महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर सहयोग करती हैं. लोगों का कहना है कि मनमोहन की कमलकृति को दुनियाभर के दिग्गज राष्ट्राध्यक्षों को स्मृतिचिह्न के रूप में भेंट किया जाना बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है. G-20 सम्मेलन में इन कमलपुष्प को बनाकर भेजा गया है.