रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान चोट लगने की वजह से चिकित्सा आधार पर बाहर कर दिये जाने वाले कैडेटों को पुनःस्थापन सुविधाएं प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में शामिल होने के इरादे से कम उम्र में सैन्य अकादमियों में शामिल होते हैं और वर्दी में राष्ट्र की सेवा करने की प्रतिबद्धता दिखाते हैं। मंत्रालय का कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान चोट लगने पर चिकित्सा आधार पर निष्कासित होना अति दुर्भाग्यपूर्ण होता है और दशकों से प्रभावित कैडेट और उनके माता-पिता ऐसे पुनःस्थापन अवसरों की मांग कर रहे हैं।
हालांकि मंत्रालय ने वक्तव्य में यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस तरह के कैडेटों को किस तरह की सुविधाएं दी जायेंगी।हर साल सैन्य अकादमियों में युवा कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के उद्देश्य से अकादमिक और सैन्य प्रशिक्षण से गुजरते हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, कैडेट को कमीशन मिलने के बाद ही अधिकारी माना जाता है। ऐसे उदाहरण सामने आते हैं जहां सैन्य प्रशिक्षण की कठोरता के कारण कुछ कैडेट (10-20 प्रतिवर्ष) चिकित्सा आधार पर अमान्य कर दिये जाते हैं।
रक्षा मंत्री ने ऐसे कैडेटों के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के एक अन्य प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा संचालित योजनाओं के लाभ के विस्तार की अनुमति दी गई है। इससे चिकित्सा आधार पर निष्कासित हुए 500 कैडेटों को योजनाओं का लाभ उठाने और उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इसी तरह की स्थिति में भविष्य के कैडेटों को भी समान लाभ मिलेंगे।