सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे सोमवार को चार दिवसीय यात्रा पर अमेरिका के लिए रवाना हुए। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय सैन्य भागीदारी को और बढ़ाने के तरीके तलाशना है।सेना ने 13 से 16 फरवरी तक जनरल पांडे की यात्रा को ”महत्वपूर्ण” बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग को रेखांकित करती है। सेनाध्यक्ष अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय चर्चा और बातचीत में शामिल होंगे।
सेना ने कहा, ”यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच गहरे सैन्य सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करती है जिसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को और मजबूत करना और दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत संबंध को बढ़ावा देना है।”यात्रा के मुख्य कार्यक्रमों में प्रतिष्ठित अमेरिकी सैन्य सम्मान गार्ड समारोह, आर्लिंगटन राष्ट्रीय कब्रिस्तान में ‘टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’ पर पुष्पांजलि अर्पित करना और पेंटागन का विस्तृत दौरा शामिल है।सेना ने कहा कि ये बातचीत दोनों देशों के बीच वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति सम्मान और आपसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, ”यह यात्रा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक और मील का पत्थर है जो सैन्य सहयोग बढ़ाने, वैश्विक खतरे की धारणाओं पर रणनीतिक दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने और भविष्य में सुरक्षा बल के विकास की दिशा में कार्य तथा आधुनिकीकरण की दिशा में मिलकर काम करने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाती है।”सेना ने कहा, ”जनरल मनोज पांडे और अमेरिकी सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच बातचीत ठोस परिणाम देने, साझा सुरक्षा हितों और रक्षा सहयोग के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के मुद्दे पर आधारित होगी।”
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना में परिवर्तन, वैश्विक खतरे की धारणा, भविष्य में सुरक्षा बल के विकास और आधुनिकीकरण तथा सह-उत्पादन और सह-विकास पहलों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इन चर्चाओं का उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच दृष्टिकोण, विचार और सर्वोत्तम अभ्यास को साझा करना है।जनरल पांडे के यात्रा कार्यक्रम में फोर्ट बेल्वोइर में आर्मी जियोस्पेशियल सेंटर, फोर्ट मैकनायर में नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी का दौरा और हेडक्वार्टर 1 कोर में नेतृत्व के साथ बातचीत शामिल है।
वह सैन्य नवाचार और रणनीति में अग्रिम मोर्चा पर रहने वाली इकाइयों से भी मिलेंगे जिनमें स्ट्राइकर यूनिट, फर्स्ट मल्टी-डोमेन टास्क फोर्स, सिएटल में पहला विशेष बल समूह और सैन फ्रांसिस्को में रक्षा नवाचार इकाई शामिल हैं।सेना के एक बयान के अनुसार, कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड की यात्रा की भी योजना है जिसका उद्देश्य अधिक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण, सह-विकास और सह-उत्पादन गतिविधियों के लिए रास्ते तलाशना है।
जनरल जॉर्ज ने हाल में हिंद-प्रशांत देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) के लिए भारत का दौरा किया था जिसकी मेजबानी भारतीय और अमेरिकी सेना ने संयुक्त रूप से की थी।सम्मेलन में 18 सैन्य प्रमुखों और 12 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने भाग लिया।आईपीएसीसी के दौरान जनरल जॉर्ज और जनरल पांडे ने सैन्य सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों को संबोधित करते हुए रचनात्मक बातचीत की।
सेना ने कहा, ”भारतीय और अमेरिकी सेना सभी क्षेत्रों में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता साझा करती है। यह दौरा उन साझा मूल्यों और हितों का प्रतीक है जो भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को रेखांकित करते हैं, जिसका उद्देश्य भविष्य में बेहतर सहयोग और रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग तथा पारस्परिक विकास को बढ़ावा देना है।”