कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि देश में लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है तथा वे महंगाई की मार झेल रहे हैं।
गांधी ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से जागने को कहा और आरोप लगाया कि जनता की जेबें लूटी जा रही हैं तथा उन्हें गुमराह किया जा रहा है।उन्होंने कहा, ”पिछड़े वर्ग, दलित और आदिवासी देश की आबादी का 74 प्रतिशत हिस्सा हैं, लेकिन इन समुदायों का एक भी व्यक्ति भारत की शीर्ष 200 कंपनियों का मालिक या प्रबंधन में शामिल नहीं है, जिन्हें ‘देश का सारा पैसा’ दिया जा रहा है।”
गांधी ने कहा, ”भाजपा इसे ‘हिंदू राष्ट्र’ कहती है, लेकिन देश की 74 फीसदी आबादी और आम गरीबों को कुछ नहीं मिल रहा है।” उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वे केवल थाली पीटने, घंटा बजाने, मोबाइल फोन देखने और भूख से मरने के लिए हैं।कांग्रेस नेता ने कहा, ”मुझे बताओ, क्या आपने राम मंदिर उद्घाटन (पिछले महीने) में किसी गरीब, मजदूर, बेरोजगार व्यक्ति या छोटे व्यवसायी को देखा है? मैंने केवल (गौतम) अडाणी जी, (मुकेश) अंबानी जी, अन्य बड़े उद्योगपतियों और अमिताभ बच्चन जैसी फिल्मी हस्तियों को देखा। वहां अडाणी जी, अंबानी जी और उनके परिवार के सदस्य बड़े-बड़े बयान दे रहे थे।”
कांग्रेस नेता ने इसे आर्थिक अन्याय करार देते हुए आरोप लगाया, ”लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है और महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है, जबकि अडाणी और अंबानी चीन का सामान बेचकर लाभ कमा रहे हैं।”उन्होंने कहा, ”आप मुझसे पूछेंगे कि मेरा भाषण मीडिया में क्यों नहीं दिखाया जाता। मीडिया में 24 घंटे (नरेन्द्र) मोदी जी, अंबानी जी, अडाणी जी और रामदेव बाबा नजर आएंगे। राहुल गांधी नजर नहीं आएंगे क्योंकि वह मुद्दों की बात करते हैं।”
गांधी ने लोगों से पूछा कि क्या उन्होंने किसी पिछड़े, दलित और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को बड़े अस्पतालों या विश्वविद्यालयों के मालिक के रूप में देखा है? उन्होंने यात्रा में मौजूद जनसमुदाय से कहा, ”मुझे कहने में अच्छा नहीं लग रहा लेकिन मैं कह रहा हूं, आप लोग सो गए हैं। आपने नुकसान स्वीकार कर लिया है। 24 घंटे ‘जय श्री राम, जय श्री राम’ का जाप, यह अच्छा है लेकिन हर दिन आपका पैसा छीना जा रहा है और आप भूख से मर रहे हैं।”
उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वह मोबाइल फोन के आदी नहीं बनें और वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। गांधी ने कहा, ”अगर मैं 100 साल पहले यहां आया होता और उन चीजों के बारे में पूछता जो आपको नशे का आदी बनाती हैं, तो आपका जवाब शराब, भांग और चरस होता। नशा का अर्थ है एक व्यक्ति का अपनी जिंदगी पर ध्यान नहीं देना और अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित करना। आजकल लोग और छात्र लगभग 8-10 घंटे मोबाइल फोन पर ध्यान देते हैं जो सबसे खतरनाक लत है।”
उन्होंने कहा, ”अडाणी और अंबानी दिन में सिर्फ 10-15 मिनट ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उनका ध्यान पैसा कमाने पर है। वह 24 घंटे पैसा कमा रहे हैं। पैसे आपकी जेब से आ रहे हैं। मैं लगातार बोलता जा रहा हूं लेकिन आप समझ नहीं पा रहे हैं। आप 24 घंटे अपने मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं। आपका ध्यान भटकाया जा रहा है। सेलफोन हो या मीडिया, कभी अक्षय कुमार को डांस करते दिखाएंगे तो कभी ऐश्वर्या राय को और आपका पैसा जाता रहेगा।”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”आप मंदिर जाएं, मस्जिद जाएं, गुरुद्वारा जाएं या सेलफोन देखें, लेकिन सुबह, दोपहर के भोजन के समय और रात में खुद से एक ही सवाल पूछें कि आपको हर दिन भारत के खजाने से कितना पैसा मिल रहा है। जिस दिन 10 लाख लोग ये सवाल पूछने लगेंगे, पूरा देश हिल जायेगा। मुझे यह कहते हुए अच्छा नहीं लगता कि आप (मुद्दों को) नहीं समझते। लेकिन वास्तव में आपकी जेब पर डाका डाला जा रहा है और आपको गुमराह किया जा रहा है।”
गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी जाति को 2000 में ओबीसी की सूची में शामिल किया गया था जब मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गुजरात में सत्ता में थी। पहले उनकी जाति सामान्य श्रेणी में थी। उन्होंने कहा, ”अब आप कहेंगे मैं तो ओबीसी नहीं हूं। मैं ओबीसी नहीं हूं लेकिन मुझे अन्याय पसंद नहीं है।”यात्रा के दौरान गांधी ने एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी और कोयला खदान में काम करने वाले कर्मचारी को अपनी जीप पर बैठाया। गांधी ने पूर्व सैन्यकर्मी को माइक्रोफोन देते हुए कुछ कहने को कहा, जिन्होंने सरकारी रिक्तियों में भर्ती की बात कही।
इसके बाद गांधी ने कहा, ”मैं यह बात भूल गया था। मैं भूल जाता हूं, मैं मोदी जी नहीं हूं जो गलती न करूं, मैं आप (लोगों) जैसा हूं। सरकारी पदों के लिए रिक्तियां भरी जानी चाहिए क्योंकि नौकरी पाना जनता का अधिकार है।” उन्होंने इस दौरान अपनी पार्टी की जाति जनगणना की मांग दोहराई। गांधी ने ‘अग्निवीर योजना’ की भी आलोचना की और कहा कि सेना और देश को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है।