केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेलफेयरिज्म मॉडल एक केस स्टडी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम के छात्रों से चर्चा के दौरान यह बात कही।
वह ‘विकसित भारत 2047’ छात्र समुदाय के साथ बातचीत कर रहे थे।इस चर्चा का उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत में शैक्षिक और कौशल विकास परिदृश्य को आकार देना है।छात्रों के साथ चर्चा सरकार के इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण और इसकी कई पहलों के इर्द-गिर्द घूमती रही, जो शैक्षिक परिदृश्य को राष्ट्र के समग्र व्यापक लक्ष्यों को केंद्र में रखते हुए हुई।
इस अवसर पर प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन, समाज के निचले पायदान पर मौजूद लोगों के उत्थान के दृष्टिकोण, सबका साथ-सबका विकास मॉडल, मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने और भारतीयता से गौरव, प्रेरणा और आत्मविश्वास प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री का वेलफेयरिज्म मॉडल एक केस स्टडी है। प्रधान ने संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों को इसकी सूक्ष्मता से जांच करने और जम्मू और कश्मीर के अद्वितीय प्रस्तावों और संभावनाओं पर दीर्घकालिक केस स्टडी के साथ आने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
उन्होंने अगले 25 वर्षों के महत्व पर भी जोर दिया जब सबका प्रयास (सभी की भागीदारी) के साथ, विकसित भारत @2047 का लक्ष्य साकार होगा।छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए, उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहल का उल्लेख किया। जिसे सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के एक हिस्से के रूप में शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए योजना बना रही है और लागू कर रही है।
बातचीत के दौरान, प्रधान ने शिक्षा के समग्र विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व का भी उल्लेख किया। अपनी यात्रा के दौरान, धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम जम्मू के जगती परिसर के निर्माण की प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन किया, जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान और भविष्य के नेताओं को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को स्वीकार किया गया।उन्होंने संस्थान में अत्याधुनिक पुस्तकालय का भी दौरा किया और एक व्यापक शिक्षण ईकोसिस्टम प्रदान करने के लिए वहां उपलब्ध उन्नत सुविधाओं की सराहना की।