गोंडा जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, परसपुर में जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण के दौरान 89 छात्राओं के अनुपस्थित पाये जाने पर वार्डन और शिक्षक समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। एक प्रशासनिक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जिलाधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा ने बताया कि सोमवार की रात उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, परसपुर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां कुल 100 छात्राओं का पंजीकरण है किन्तु निरीक्षण के दौरान केवल 11 छात्राएं उपस्थित थीं। उन्होंने बताया कि एक साथ 89 छात्राओं की अनुपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर वार्डन सरिता सिंह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं जिसके बाद सभी संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है और आवासीय बालिका विद्यालय इस तरीके से संचालित नहीं किया जा सकता।
इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा की तरफ से परसपुर थाने में विद्यालय की वार्डन, एक पूर्णकालिक शिक्षक, एक चौकीदार तथा रात में गेट ड्यूटी पर तैनात एक पीआरडी जवान के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कराया गया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के खिलाफ अग्रिम विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है और गार्ड पर विभागीय कार्रवाई के लिए जिला युवा कल्याण अधिकारी को पत्र लिखा गया है।
सचिन मोहन ने मंगलवार को बताया कि मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश के निर्णय से सरकार और हम लोग संतुष्ट नहीं थे। इसलिए उप्र सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील की है। 1987 में मेरठ के मलियाना गांव में 72 मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी और उनके घर जला दिए गए थे। 36 साल के इंतजार और 900 सुनवाई के बाद 31 मार्च 2023 को अदालत ने अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।