सीरिया के पूर्वी प्रांत डेर अल-ज़ौर में अमेरिका समर्थित दो मिलिशिया के बीच घातक संघर्ष हुआ, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य लोग घायल हो गए।यह जानकारी एक युद्ध मॉनिटर ने मंगलवार को दी।सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि सोमवार को डेर अल-ज़ौर में कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) और अरब बहुल मिलिशिया डेर अल-ज़ौर मिलिट्री काउंसिल के बीच संघर्ष शुरू हो गया, जबकि दोनों गुट एक बार संयुक्त रूप से इस्लामिक स्टेट (आईएस) का मुकाबला कर चुके हैं।
ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह के अनुसार, मारे गए लोगों में दो नागरिक, सैन्य परिषद से जुड़े 10 लड़ाके और एसडीएफ के छह लड़ाके शामिल हैं।दोनों पक्षों के बीच तनाव तब बढ़ गया जब एसडीएफ ने सैन्य परिषद के नेता अहमद अबू खावला को सीरियाई सरकार एवं तुर्की के साथ कथित संबंधों को लेकर पूर्वोत्तर प्रांत हसाका में हिरासत में लिया।निगरानी समूह ने चेतावनी दिया कि मौजूदा संघर्ष संभावित रूप से इस क्षेत्र में व्यापक अरब-कुर्द संघर्ष में परिवर्तित हो सकता है।
गौरतलब है कि एसडीएफ पूर्वोत्तर सीरिया में अमेरिकी बलों के मुख्य सहयोगी मिलिशिया के रूप में उभरा है, जो हसाका और डेर अल-ज़ौर के ग्रामीण इलाकों के कुछ हिस्सों को नियंत्रित करता है। हसाका और डेर अल-ज़ौर और अलेप्पो के कुछ अन्य क्षेत्रों में अपने वास्तविक शासन के कारण, सीरियाई सरकार ने एसडीएफ को एक अलगाववादी समूह के रूप में चिन्हित किया है।तुर्की के लिए, एसडीएफ कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स का हिस्सा है, जिसे अंकारा ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के साथ अपने संबंधों के कारण एक आतंकवादी समूह घोषित किया है।