यह देखने में चीनी के समान ही सफदे होती है परन्तु मिश्री को बनाने का तरीका चीनी से अलग होता है। हम इस लेख में मिश्री कैसे बनाई जाती है, मिश्री और चीनी में क्या अन्तर है, मिश्री खाने से क्या फायदे होते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।आज हम आपको बताएंगे मिश्री कैसे बनता है,इसके गुण एवं पोषक तत्व और फायदे।
मिश्री कैसे बनाते हैं — हमारे देश में हर जगह में मिश्री आसानी से मिल जाती है। अधिकत इसको मन्दिरों के आस—पास देखा जा सकता है क्योंकि मिश्री को भगवान को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। इसका कारण यह है कि मिश्री को हमारे देश में शुद्धता का प्रतिक माना गया है।
मिश्री क्या है –
चीनी के अनरिफाइंड रूप जिसे रॉक शुगर या कैंडी शुगर (Candy sugar) भी कहा जाता है। इसको सबसे पहले भारत में ही बनाया गया है। मिश्री क्रिस्टलाइज्ड और स्वाद में चीनी के समान मीठा होता है। सामान्य रूप से मिश्री को गन्ने और पाल्म ट्री (खजूर) के रस से तैयार किया जाता है। यह चीनी से कम मीठास होती है परन्तु यह औषधीय गुणों से युक्त होती है। इसके औषधीय गुणों के कारण इसे कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है।
मिश्री के गुण एवं पोषक तत्व –
मिश्री औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसकी तासीर शीतल अर्थात ठण्डी होती है। मिश्री को बनाने की विधि के कारण यह हमारे शरीर के लिए हल्की, पचाने में आसान और शरीर को ठण्डक पहुंचाने वाली होती है। मिश्री का प्रयोग वात और पित्त दोषों (Vata and Pitta doshas) में उपचार के लिए किया जाता है।
मिश्री को गन्ने के रस के अलावा ताड़ के वृक्ष से निकाले गए रस से भी बनाया जाता है। ताड़ के वृक्ष से बनाई गई मिश्री को ताल मिश्री के नाम से जाना जाता है। इस रस से तैयार मिश्री (Tal mishri) का प्रयोग गुर्दे की बीमारियों के उपचार में बहुत ही असरदार माना जाता है। इसमें विटामिन, एमिनो एसिड के अलावा कई प्रकार के खनिज तत्व भी पाये जाते हैं। यह विटामिन बी12 का अच्छा श्रोत भी है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
मिश्री के फायदे –
मिश्री अपने पोषक तत्वों (Nutrients Value) के कारण विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग की जाती है। मिश्री में 24 प्रकार के प्राकृतिक पोषक तत्व पाये जाते हैं। यह गुण कई प्रकार की बिमारी को ठीक करने के लिए लाभदायक हैं जैसे पाचन को ठीक करने में, किडनी के रोग, उच्च रक्तचाप, सर्दी—खांसी, रक्त की कमी, गठिया, आंखो के लिए आदि। इसके अतिरिक्त मिश्री का प्रयोग शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी किया जाता सकता है। आइये आगे मिश्री से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के लिए मिश्री के फायदे —
मिश्री रॉक शुगर में कई प्रकार के औषधीय गुण पाये जाते हैं जो खाना खान के बाद ऊर्जा उत्तेजित करते हैं। ऐसा रिसर्च में पाया गया है कि हम खाना खाने के बाद कुछ शुस्त से हो जते हैं। लेकिन यदि हम मिश्री का सेवन सौंफ के साथ करते हैं तो यह हमारी ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। यही कारण है कि भोजन के बाद हमारे देश में मिश्री और सौंफ का सेवन किया जाता है।
मिश्री के फायदे वजन कम करने में –
अगर आप अपने बढ़़ते वजन से परेशान हैं तो आपको अपने वजन को कम करने के लिए सौंफ या फिर धनिया पाउडर के साथ मिश्री को मिलाकर खाना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आपको 50 मिश्री और 50 ग्राम सौंफ के बीज लेने होंगे। अब इन दोनों को अच्छी प्रकार पीस कर पाउडर बना लें। इस तैयार चूर्ण को रोज सुबह 1 चम्मच गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। इसी प्रकार आप सौंफ के स्थान धनिया पाउडर का उपयोग भी कर सकते हैं। मिश्री और सौंफ या धनिया का मिश्रण प्राकृतिक रूप से आपका वजन कम करने में मदद करता है।
शरीर को आराम दिलाने में मिश्री के फायदे —
भारत में गर्मी के मौसम में कई क्षेत्रों में मिश्री का उपयोग कई प्रकार के शीतल पेय बनाने के लिए किया जाता है। इन पेय को पीने से शरीर को आराम मिलता है। यह तनाव ग्रस्त और थके मस्तिष्क व शरीर को आराम पहुंचाने के साथ ही सुखद प्रभाव भी डालती है। मिश्री से बने पेय पदार्थ का सेवन करने से तनाव से भी छुटकारा मिलता है। इसका कारण है इसमें पाये जाने वाले ग्लूकोज की मात्रा जो हमारे शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करती है।
मिश्री से बनने वाले पेय पदार्थो को आप घर पर भी बना सकते हैं इसके लिए एक गिलास ठंडे पानी में 1 चम्मच मिश्री को घोल कर तैयार किया जा सकता है।
प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मिश्री के लाभ —
पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेवेद विज्ञान में प्राचीन समय से मिश्री का प्रयोग औषधीयों के रूप में होता रहा है। मिश्री को घी, दूध या दही के साथ मिलाकर जब खाया जाता है तो इसे प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने मे सहायक के रूप में देखा जाता है। आयुर्वेद में पंचमृत को महिला और पुरुष दोनों ही की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने वाला माना गया है जिसमें दूध, घी, दही, शहद के अलावा मिश्री को भी शामिल किया जाता है। अगर आप इसका रोज एक निश्चित मात्रा में सेवन करते हैं तो आपका यौन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता बढ़ सकती है। इसके लिए पुरुषों को रात में सोने से पहले केसर, दूध और मिश्री को मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए। यह आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
सर्दी-खांसी में मिश्री के फायदे —
गले में किसी भी प्रकार के संक्रमण के कारण आपको खांसी हो सकती है। खांसी बुखार एवं सर्दी के कारण भी हो सकती है। मिश्री में पाये जाने वाले औषधीय गुण आपको खांसी से राहत दिला सकते हैं। इसके लिए आप मिश्री को अपने मुंह में रखें और ध्यान रहे इसे धीरे-धीरे चूसना है। ऐसा करने से आपको खांसी से राहते मिल जाएगी। अगर आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण हुआ है तो आप मिश्री के प्रयोग से इसको ठीक कर सकते हैं। इसके लिए मिश्री को काली मिर्च पाउडर और ध्यान रहे इसे धीरे-धीरे चूसना है। ऐसा करने से आपको खांसी से राहते मिल जाएगी। अगर आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण हुआ है तो आप मिश्री के प्रयोग से इसको ठीक कर सकते हैं। इसके लिए मिश्री को काली मिर्च पाउडर और घी के साथ मिलाकर रात में सोने से पहले खाना लाभदायक होता है।
कृपया ध्यान दें कि यह सुझाव केवल सामान्य लाभ के लिए हैं और अगर आपकी समस्या गंभीर है तो डॉक्टर से परामर्श करना सुनिश्चित करें। विशेष रूप से यदि आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, तो मिश्री का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।