ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो का जलवा अब खत्म होता सा नजर आ रहा है। हाल ही में कंपनी ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 तक की तिमाही के नतीजे पेश किए, और इनमें भारी नुकसान देखने को मिला है। इस नुकसान के कारण अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या लोगों ने जोमैटो से खाना मंगाना बंद कर दिया है, जिससे कंपनी का मुनाफा गिरा है।
कैसे रहे तिमाही नतीजे?
जोमैटो का रेवेन्यू तीसरी तिमाही में 64% बढ़ा है, लेकिन इसका मुनाफा पिछले साल की तुलना में 57% घटकर ₹59 करोड़ रह गया है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को ₹138 करोड़ का मुनाफा हुआ था। इसके अलावा, जोमैटो के रेवेन्यू में तिमाही दर तिमाही 66.47% की गिरावट आई है, क्योंकि पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) में कंपनी को ₹176 करोड़ का मुनाफा हुआ था।
शेयर की गिरावट
कंपनी के तिमाही नतीजों के बाद जोमैटो का शेयर तेजी से गिर गया है। आज मंगलवार को भी शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट के कारण कंपनी का मार्केट कैप अब 1.96 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
नुकसान का कारण क्या है?
जोमैटो के बढ़ते खर्च को इसके नुकसान का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। कंपनी के खर्च आय के मुकाबले तेजी से बढ़े हैं। साथ ही, जोमैटो के क्विक कॉमर्स बिजनेस ब्लिंकिट को तीसरी तिमाही में 103 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, ब्लिंकिट के रेवेन्यू में 117% का इजाफा हुआ है, लेकिन इस नुकसान के कारण कंपनी की स्थिति खराब हुई है।
जोमैटो का नया टारगेट
ब्लिंकिट ने 2025 के अंत तक 2000 स्टोर्स खोलने का लक्ष्य रखा है। इस तिमाही में ब्लिंकिट ने 1000 स्टोर्स का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन कंपनी को आगे चलकर ज्यादा नुकसान से बचने के लिए अपने खर्चों को काबू में रखना होगा।
निष्कर्ष
जोमैटो का मुनाफा घटने, खर्च बढ़ने और ब्लिंकिट के नुकसान के कारण उसकी वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है। इसके बावजूद, कंपनी अपने टारगेट को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रख रही है, लेकिन उसे खर्चों पर नियंत्रण और अपनी सेवाओं में सुधार की जरूरत है।
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