डायबिटीज के दुश्मन जामुन के ये 5 आयुर्वेदिक नुस्खे जरूर जानें

गर्मियों का मौसम आते ही बाजार में काले जामुन नजर आने लगते हैं। स्वाद में खट्टे-मीठे ये फल न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद हैं।
आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज के इलाज में रामबाण माना गया है।

जामुन खून और पेशाब में मौजूद अतिरिक्त शुगर को कम करता है। इसके अलावा यह पाचन, दांत, आंख, त्वचा, लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद होता है।

जामुन में पाए जाने वाले पोषक तत्व:
आयरन

कैल्शियम

कार्बोहाइड्रेट

प्रोटीन

फाइबर

और कई ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स

डायबिटीज में जामुन कैसे करें इस्तेमाल?
1. जामुन की जड़ का काढ़ा:
100 ग्राम जामुन की जड़ लें और अच्छे से धो लें।

इसे 250 मि.ली. पानी में पीस लें।

अब इसमें 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह-शाम खाने से पहले पिएं।
👉 इससे ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिलती है।

2. गुठली का चूर्ण और आयुर्वेदिक मिश्रण:
1 हिस्सा जामुन की गुठली का चूर्ण

1 हिस्सा शुण्ठी (सूखा अदरक) चूर्ण

2 हिस्सा गुड़मार बूटी
तीनों को मिलाकर पाउडर बना लें।

इसे एलोवेरा जूस के साथ पिएं या छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3 बार शहद के साथ लें।

3. जामुन गुठली का सादा चूर्ण:
जामुन की गुठलियां सुखाकर पाउडर बना लें।

दिन में 3 बार 1-1 चम्मच सेवन करें।

4. जामुन पानी का काढ़ा:
250 ग्राम जामुन को ½ लीटर पानी में उबालें।

जब पानी ठंडा हो जाए तो जामुन को मैश कर लें और छान लें।

इस पानी को दिन में तीन बार पिएं।

5. सुखे जामुन का पाउडर:
बड़े साइज के जामुन को सुखाकर पीस लें।

रोज़ाना 10–20 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार लें।

क्यों करें जामुन का सेवन?
ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद

पाचन को मजबूत बनाए

इम्यूनिटी को बढ़ाए

पेट, लिवर और किडनी की सफाई करे

एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर

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