खूबसूरती बढ़ाने के लिए किए जाने वाले ढेरों प्रकार के जतन, जैसे- कभी घरेलू नुस्खे आजमाना तो कभी मेकअप करके उसे निखारने की जगह क्यों न हम कुछ ऐसा उपाय करें जिससे ताउम्र खूबसूरत रह सके तो कितना अच्छा होगा ना? योग हर मर्ज का इलाज है जिससे आप अच्छी फिटनेस के साथ खूबसूरती को भी रख सकते हैं लंबे समय तक बरकरार। तो आज हम योग की एक ऐसी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे जिसमें आपको सांस लेना और छोड़ना है लेकिन यकीन मानिए इस आसान प्रक्रिया को लगातार करने से आप कई सारे लाभ पा सकती हैं।
नाड़ी-शोधन प्राणायाम
नाड़ियों की शुद्धि और मजबूती से अन्य अंगों में शुद्धि का संचार होता है। नाड़ी शोधन और अनुलोम-विलोम में कोई खास फर्क नहीं है। प्रदूषित वातावरण के चलते वर्तमान में प्राणायाम का अभ्यास हमारे प्राणों के लिए आवश्यक है। आप इसका अभ्यास सूर्योदय के समय करें।
विधि
1. किसी भी सुखासन में बैठकर कमर सीधी करें और आंखें बंद कर लें। दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका बंद कर पूरी सांस बाहर निकालें।
2. अब बाईं नासिका से सांस लें, तीसरी अंगुली से बाईं नासिका को भी बंद कर आंतरिक कुंभक करें। जितनी देर स्वभाविक स्थिति में रोक सकते हैं रोकें।
3. फिर दायां अंगूठा हटाकर सांस को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें (रेचक करें)। 1-2 मिनट तक बाह्य कुंभक करें।
4. फिर दाईं नासिका से उंगली हटाकर सांस को रोकें, फिर बाई से धीरे से निकाल दें। इसे 5 से 7 बार करें। फिर धीरे-धीरे इसकी संख्या को बढ़ाएं।
लाभ
इससे सभी प्रकार की नाड़ियों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है साथ ही नेत्र ज्योति बढ़ती है और रक्त संचालन सही रहता है। अनिद्रा रोग में लाभ मिलता है। यह तनाव घटाकर मस्तिष्क को शांत रखता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का विकास करता है। यह प्राणायाम हर व्यक्ति कर सकता है। तो सोचना क्या जितनी जल्दी इसकी शुरुआत करें।