कई लोग तनाव से राहत पाने के लिए या फिर बिना सोचे-समझे उंगलियां चटकाना शुरू कर देते हैं। यह एक सामान्य आदत हो सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आदत के कुछ गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं? उंगलियां चटकाते समय हमें एक सुकून देने वाली आवाज तो सुनाई देती है, लेकिन इसके पीछे शरीर पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आइए जानते हैं कि उंगलियां चटकाने से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं और क्यों इसे आदत से बाहर निकालना जरूरी है।
1. जोड़ों में दर्द और सूजन
उंगलियां चटकाने की आदत से शरीर के जोड़ों में लंबे समय तक सूजन और दर्द हो सकता है। जब हम उंगलियां चटकाते हैं, तो उस वक्त हम जोड़ों को अत्यधिक खींचते हैं और उन्हें अस्वाभाविक स्थिति में डालते हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है। यह सूजन और दर्द का कारण बन सकता है, खासकर जोड़ों में से किसी प्रकार की पूर्व स्थिति या चोट हो तो।
2. हड्डियों की कमजोरी
लगातार उंगलियां चटकाने से हड्डियों की संरचना पर असर पड़ सकता है। इस प्रक्रिया से उंगलियों के जोड़ों में बल पड़ता है और यह हड्डियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कुछ अध्ययन यह बताते हैं कि उंगलियां चटकाने से हड्डियों की मोटाई पर असर पड़ सकता है और समय के साथ हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
3. कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा
कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें हाथ की नसों पर दबाव बनता है, जिससे दर्द, झुनझुनी और सुन्नपन हो सकता है। उंगलियां चटकाने की आदत इस सिंड्रोम को बढ़ावा दे सकती है क्योंकि इसमें बार-बार जोड़ों और मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव डाला जाता है। यदि यह आदत लंबी अवधि तक बनी रहती है, तो कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है।
4. उंगलियों की मांसपेशियों में कमजोरी
उंगलियां चटकाने के दौरान हम अपनी मांसपेशियों और जोड़ों को खींचते हैं, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है। अगर यह आदत लगातार बनी रहती है, तो मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है और इससे उंगलियों की पकड़ पर भी असर पड़ सकता है।
5. आर्थ्राइटिस का खतरा
कुछ अध्ययन यह दिखाते हैं कि उंगलियां चटकाने से आर्थ्राइटिस का खतरा बढ़ सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए सच हो सकता है, जिनके पास पहले से हड्डियों या जोड़ों से संबंधित समस्याएं हैं। उंगलियों को बार-बार खींचने और दबाने से जोड़ों में सूजन और चोट लग सकती है, जो आगे चलकर आर्थ्राइटिस का कारण बन सकता है।
6. मानसिक प्रभाव
कुछ लोग तनाव या ऊब को कम करने के लिए उंगलियां चटकाते हैं। यह एक मानसिक आदत बन सकती है और अगर इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है। यह आदत तनाव और चिंता को और बढ़ा सकती है, क्योंकि जब हम इस प्रक्रिया में लिप्त होते हैं, तो ध्यान और विचारों को स्थिर रखने में समस्या हो सकती है।
कैसे बचें उंगलियां चटकाने से?
- ध्यान भटकाना: यदि आपको उंगलियां चटकाने की आदत है, तो जब भी ऐसा करने का मन हो, किसी अन्य चीज पर ध्यान केंद्रित करें। आप मसलन किसी खेल, किताब, या किसी अन्य गतिविधि में खुद को व्यस्त कर सकते हैं।
- मांसपेशियों को मजबूत बनाएं: योग, स्ट्रेचिंग और हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम उंगलियों के जोड़ों को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
- तनाव को कम करें: अगर आप तनाव के कारण उंगलियां चटकाते हैं, तो शारीरिक और मानसिक विश्राम तकनीकों जैसे ध्यान, प्राणायाम या व्यायाम को आजमाएं।
- समय-समय पर आराम करें: यदि आप लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो समय-समय पर अपने हाथों और उंगलियों को आराम दें। इससे उंगलियों और हाथों पर अधिक दबाव नहीं पड़ेगा।
उंगलियां चटकाना एक सामान्य आदत हो सकती है, लेकिन इसके पीछे छिपे गंभीर स्वास्थ्य खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आप इस आदत को छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो छोटे-छोटे बदलाव करके आप इससे बच सकते हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। ध्यान रखें, स्वस्थ आदतें आपकी दीर्घकालिक सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।