उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मेरी तीन पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित रही हैं। मुझे अयोध्या जाने में कभी कोई समस्या नहीं थी, लेकिन सरकारी नौकरशाही में एक वर्ग ऐसा था जो कहता था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाना विवाद खड़ा कर सकता है।”
📌 योगी ने दो टूक कहा – ‘अगर विवाद होना है, तो होने दो, लेकिन हमें अयोध्या के बारे में जरूर सोचना चाहिए।’
📌 उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि दीपोत्सव की तैयारियां शुरू करें और अब यह एक भव्य त्योहार बन चुका है।
योगी का राम मंदिर प्रेम – ‘अगर सत्ता भी छोड़नी पड़े, तो परवाह नहीं’
सीएम योगी ने खुलकर कहा कि एक तबका ऐसा था जो मानता था कि अगर वह अयोध्या जाएंगे, तो राम मंदिर पर चर्चा होगी।
📌 “मैंने कहा कि अगर सत्ता के लिए आया होता, तो कोई बात नहीं, लेकिन अगर राम मंदिर के लिए सत्ता छोड़नी पड़े, तो भी मैं तैयार हूं।”
📌 उन्होंने अवनीश अवस्थी को निर्देश दिए कि दीपोत्सव के आयोजन की संभावनाओं पर चुपचाप सर्वेक्षण करें।
📌 अब दीपोत्सव अयोध्या में भव्य स्तर पर मनाया जाता है, जो दीवाली से पहले का सबसे बड़ा उत्सव बन चुका है।
अयोध्या – सनातन धर्म की प्रेरणा स्थली
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा:
📌 “अयोध्या भारत के सनातन धर्म की आधारभूमि है, सप्तपुरियों में प्रथम पुरी है।”
📌 “जिसने भी राम पर लिखा, वह महान हुआ। महर्षि वाल्मीकि को भी महर्षि नारद ने प्रेरित किया कि राम ही इस धरती के सबसे महान महामानव हैं।”
📌 “अयोध्या ने सदा से ही सनातन धर्म को प्रेरणा दी है, और यह परंपरा आगे भी चलती रहेगी।”
अयोध्या – मानव धर्म की शुरुआती भूमि
सीएम योगी ने यह भी कहा कि भगवान ऋषभदेव और भगवान मनु की परंपरा से मानव धर्म की आधारशिला रखी गई थी, और इसकी शुरुआती भूमि अयोध्या ही थी।
📌 “रामायण, जो दुनिया का पहला महाकाव्य है, यहीं से निकला। अगर कोई सीखना चाहता है कि अपनी लेखनी को कैसे धन्य किया जाए, तो उसे महर्षि वाल्मीकि की शरण में जाना चाहिए।”
📌 “उन्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना की, जो आज भी व्यावहारिक संस्कृति और साहित्य का सबसे बड़ा स्तंभ है।”
🚨 योगी के इन बयानों से साफ है कि राम मंदिर और अयोध्या उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं। क्या आने वाले समय में यह हिंदुत्व की राजनीति को और मजबूती देगा? आने वाले चुनावों में यह कितना असर डालेगा? यह देखने वाली बात होगी!
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