AI से होगी टक्कर? या मिलकर करेंगे काम? जानें फ्यूचर जॉब्स का हाल

फ्यूचर आ चुका है… और ये सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि एक ऐसी ताकत बन चुकी है जो धीरे-धीरे इंसानी नौकरियों की जगह ले रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 5 सालों में कम से कम 8 तरह की नौकरियां AI की वजह से खतरे में पड़ सकती हैं। अगर आप ड्राइवर, कोडर या कस्टमर सर्विस जैसे प्रोफेशन में हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है।

1. ड्राइवर और डिलीवरी पर्सन:
अब स्टीयरिंग AI के हाथों में!
सेल्फ-ड्राइविंग कारें, डिलीवरी ड्रोन और ऑटोमैटिक राइडिंग सिस्टम अब सड़कों और आसमान में दौड़ने लगे हैं। यानी आने वाले समय में इंसानी ड्राइवर्स की जरूरत तेजी से घट सकती है।

2. HR और रिक्रूटर्स:
जो नौकरी दिलाते थे, अब अपनी नौकरी की चिंता करेंगे
अब इंटरव्यू शेड्यूल करना, रिज्यूमे स्कैन करना और कैंडिडेट एनालिसिस – सब कुछ AI आसानी से कर रहा है। मशीनें अब स्किल्स के साथ-साथ बिहेवियर को भी समझने लगी हैं।

3. कोडर्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स:
अब कोड भी AI खुद लिख रहा है
GitHub Copilot, ChatGPT जैसे टूल्स अब खुद ही कोड बना रहे हैं। इससे कोडर्स का रोल बदलेगा – पहले जहां कोड लिखा जाता था, अब AI को मॉनिटर और सुधारना होगा।

4. डेटा एंट्री ऑपरेटर्स:
अब ‘कॉपी-पेस्ट’ का ज़माना गया
AI अब बड़ी रिपोर्ट्स, डेटा एंट्री और फॉर्म फिलिंग का काम पल भर में कर लेता है। स्पीड भी ज़्यादा, गलती भी कम – इंसान की जगह मशीनें ले रही हैं।

5. कस्टमर सर्विस एजेंट्स:
अब सवालों का जवाब देगा बॉट
अब आपको हेलो कहने वाला एजेंट नहीं, बल्कि चैटबॉट होगा। AI चैटबॉट्स 24×7 काम करते हैं और इंसान की तरह थकते भी नहीं।

6. फैक्ट्री वर्कर्स:
अब पसीने की नहीं, प्रोग्रामिंग की ज़रूरत है
ऑटोमेशन और रोबोटिक्स के आने से फैक्ट्रियों में इंसान की जगह मशीनों ने ले ली है। कई कंपनियों में अब इंसानी मज़दूरी की जरूरत पहले से बहुत कम रह गई है।

7. बैंक क्लर्क्स और टेलर्स:
अब बैंकिंग भी हो गई है स्मार्ट
ATM, मोबाइल ऐप और AI सपोर्ट सिस्टम ने बैंकिंग को 24×7 ऑटोमेट कर दिया है। अब बैंक जाकर फॉर्म भरने की जरूरत नहीं — सब कुछ ऐप से ही हो रहा है।

8. पोस्टल वर्कर्स:
जब खत नहीं आते, तो डाकिए भी क्यों रहें?
AI अब मेल सॉर्टिंग, पैकेज ट्रैकिंग और डिलीवरी तक को ऑटोमेट कर रहा है। पोस्ट ऑफिस के पुराने तरीकों की जगह अब डिजिटल सॉल्यूशंस ले रहे हैं।

क्या बस खतरा ही है? नहीं! इसमें मौका भी छिपा है
जहां कुछ नौकरियां जाएंगी, वहीं नई नौकरियां भी बनेंगी —
AI सिस्टम बनाने, मॉनिटर करने और मैनेज करने के लिए AI इंजीनियर्स, डेटा साइंटिस्ट्स, AI ट्रेनर्स और टेक्नोलॉजी मैनेजर्स की डिमांड बढ़ेगी।

इसलिए जरूरी है:

री-स्किलिंग करें

नई टेक्नोलॉजी को अपनाएं

डरें नहीं, सीखें

खुद को अपडेट रखें

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