रोटी सेहतमंद बनेगी या नुकसान करेगी? जानें डायटीशियन की राय

भारत में गेहूं का आटा सबसे ज्यादा खाया जाता है, खासतौर पर इसकी रोटियां हर घर में रोजाना बनती हैं। यह आटा आसानी से उपलब्ध होता है और पोषण से भरपूर भी माना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि कुछ गलतियों की वजह से यही रोटियां सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं? कई लोग इसे ग्लूटेन से भरपूर मानकर नुकसानदायक समझते हैं, लेकिन असली कारण कुछ और है। आइए जानते हैं डायटीशियन की राय और गेहूं की रोटी खाने के सही तरीके।

क्या कहती हैं डायटीशियन?
पुराने जमाने में लोग भी गेहूं की रोटियां खाते थे, फिर भी वे स्वस्थ रहते थे, लेकिन आजकल कुछ लोगों को इससे गैस, अपच और एलर्जी जैसी समस्याएं हो रही हैं। इसका कारण सिर्फ ग्लूटेन नहीं, बल्कि आटा गूंथने और रोटियां बनाने की गलत प्रक्रिया है।

गलत आटा गूंथने की वजह से हो सकती हैं दिक्कतें!
डायटीशियन बताती हैं कि पहले के समय में लोग आटा गूंथकर उसे कुछ समय के लिए ढककर रखते थे, उस पर हल्का पानी या तेल छिड़कते थे और उसे “आराम” देते थे। इससे ग्लूटेन सही तरह से विकसित होता था, जिससे रोटियां सेहतमंद बनती थीं। मगर आजकल लोग जल्दी-जल्दी आटा गूंथते हैं और तुरंत रोटियां बना लेते हैं, जिससे यह शरीर को सही से लाभ नहीं पहुंचाता।

फ्रिज में रखा आटा क्यों नुकसानदायक है?
कुछ लोग आटा गूंथकर फ्रिज में रख देते हैं और बाद में उसकी रोटियां बनाते हैं। लेकिन यह आदत सेहत के लिए अच्छी नहीं होती, क्योंकि ठंडे आटे में पोषक तत्व कम हो जाते हैं और यह पचाने में मुश्किल हो जाता है।

आटा गूंथते समय ध्यान रखें ये बातें:
✅ आटा गूंथने के तुरंत बाद रोटियां न बनाएं, उसे कम से कम 30-40 मिनट का रेस्ट दें।
✅ आटे को ढककर रखें और हल्का पानी या तेल लगाएं, ताकि उसका ग्लूटेन सही तरह से सेट हो सके।
✅ ग्लूटेन से प्रभावित लोग सिर्फ गेहूं का आटा न खाएं, उसमें बाजरा, ज्वार या अन्य अनाज मिलाकर रोटियां बनाएं।
✅ फ्रिज में रखे आटे की रोटियां खाने से बचें, ताजा आटा गूंथकर ही रोटियां बनाएं।
✅ आटा गूंथने के 1 घंटे के अंदर उसकी रोटियां बना लेना सबसे सही तरीका है।

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