यूरिक एसिड में क्यों फायदेमंद है मूली? जानिए असरदार उपाय

सर्दियों में यूरिक एसिड का बढ़ना आम समस्या बन जाती है। इससे जोड़ों में सूजन और दर्द जैसी तकलीफें बढ़ सकती हैं। ऐसे में खानपान का खास ध्यान रखना जरूरी है। खासतौर पर हाई प्रोटीन और हाई प्यूरिन वाली चीजों से दूरी बनानी चाहिए। लेकिन एक सब्जी है जो इस मौसम में आपके बेहद काम आ सकती है — मूली।

मूली एक लो-प्यूरिन, हाई फाइबर और विटामिन C से भरपूर सब्जी है जो यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में कारगर साबित हो सकती है। एक कप कच्ची मूली में सिर्फ 20 कैलोरी, 2 ग्राम फाइबर और लगभग 17 मिलीग्राम विटामिन C पाया जाता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।

मूली के फायदे यूरिक एसिड के मरीजों के लिए
🔹 प्यूरिन को करता है डिटॉक्स:
मूली में मौजूद विटामिन C, B6 और फोलेट शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा प्यूरिन को पचाने और किडनी से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करते हैं।

🔹 क्रिस्टल बनने से रोकथाम:
जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है तो वह हड्डियों और जोड़ों में क्रिस्टल्स के रूप में जमा हो जाता है, जिससे गाउट जैसी समस्याएं होती हैं। मूली यूरिक एसिड को घुलनशील बनाकर किडनी से बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे इन क्रिस्टल्स का बनना रुक सकता है।

मूली का सेवन कैसे करें?
मूली को सलाद के रूप में खाएं।

कच्ची मूली सुबह या दोपहर में खाएं।

मूली की सब्जी या पराठा बनाकर खा सकते हैं।

अजवाइन और मूली का जूस बनाकर खाली पेट पीने से भी फायदा मिलता है।

यह भी पढ़ें:

ब्रश करते समय आती है उल्टी? जानिए इसके पीछे छिपे हो सकते हैं गंभीर कारण