मेनोपॉज के बाद क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? जानें कारण और बचाव

जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, शरीर में कई बदलाव होते हैं। खासकर मेनोपॉज (Menopause) के बाद, जब पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। सबसे बड़ी चिंता का विषय है – दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा।

मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ की रिसर्च के अनुसार, 45 साल के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसका सीधा संबंध मेनोपॉज और शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों से है।

🧬 मेनोपॉज क्या है?
मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जब पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। इसके बाद महिलाओं की फर्टिलिटी (गर्भधारण करने की क्षमता) खत्म होने लगती है।

यह आमतौर पर 45 से 50 वर्ष की उम्र के बीच होता है।
इस समय शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) हार्मोन का स्तर तेजी से घटता है।
हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें सबसे गंभीर है दिल की बीमारियों का खतरा।
❤️ मेनोपॉज और हार्ट अटैक का कनेक्शन क्या है?
डॉक्टर्स बताते हैं कि मेनोपॉज के बाद दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने के कई कारण होते हैं:

एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी:

एस्ट्रोजन दिल की धमनियों (arteries) को लचीला (flexible) रखता है, जिससे ब्लड फ्लो सही बना रहता है।
मेनोपॉज के बाद इसकी कमी से धमनियों में सख्ती (hardening of arteries) आ जाती है, जिससे ब्लॉकेज बनने लगते हैं।
यही कारण है कि इस उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मेटाबॉलिज्म में गिरावट:

मेनोपॉज के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है।
मोटापा दिल की बीमारियों का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना:

इस उम्र में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ने और HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के घटने की संभावना होती है।
इससे हार्ट की नसों में ब्लॉकेज बनने का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड प्रेशर में बदलाव:

हार्मोनल बदलावों के कारण ब्लड प्रेशर भी अनियमित हो सकता है, जो दिल की समस्याओं का कारण बनता है।
🚩 हार्ट अटैक के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें:
सीने में दर्द या जकड़न
गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट में असामान्य दर्द
सांस लेने में तकलीफ
अत्यधिक पसीना आना
अचानक चक्कर आना या कमजोरी
थकान जो आराम करने के बाद भी ठीक न हो
अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

🌿 मेनोपॉज के बाद दिल की सेहत के लिए अपनाएं ये उपाय:
संतुलित आहार लें:

हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाएं।
नमक, चीनी और मैदा का सेवन कम करें।
नियमित व्यायाम करें:

30 मिनट तक तेज़ चलना, योग या हल्का कार्डियो करें।
फिजिकल एक्टिविटी हार्ट को मजबूत बनाती है।
वजन को नियंत्रित रखें:

मोटापा हार्ट की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है।
वजन पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
तनाव को दूर रखें:

मेनोपॉज के बाद मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।
ध्यान (Meditation) और प्राणायाम (Breathing Exercises) करें।
नशे से बचें:

धूम्रपान और शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं।
यह हार्ट अटैक के जोखिम को कई गुना बढ़ा सकता है।
नियमित मेडिकल चेकअप करवाएं:

ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ECG की नियमित जांच करवाएं।
किसी भी अनियमितता को समय रहते पकड़ पाना आसान होता है।
🔑 महत्वपूर्ण सलाह:
मेनोपॉज एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके बाद शरीर की जरूरतें बदल जाती हैं।
महिलाओं को अपने दिल की सेहत पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
सही लाइफस्टाइल, संतुलित आहार, और डॉक्टर की सलाह के साथ इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

💬 निष्कर्ष:
मेनोपॉज के बाद महिलाओं को दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है, लेकिन थोड़ी सी जागरूकता और सही देखभाल से इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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