छोटे बच्चों, खासकर 5 साल तक की उम्र में, इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता। इस कारण वे जल्दी बीमार पड़ते हैं – सर्दी, खांसी और बुखार आम समस्या बन जाती है।
लेकिन अगर बच्चे को बार-बार बुखार आ रहा है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसा बुखार एपिसोडिक या पीरियोडिक फीवर कहलाता है, जिसमें तापमान समय-समय पर बढ़ता और घटता रहता है।
🔍 बार-बार बुखार आने के संभावित कारण
वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन
पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम (Periodic Fever Syndrome)
यह एक जेनेटिक स्थिति हो सकती है, जिसमें बार-बार बुखार आता है और शरीर का तापमान तेज़ी से बढ़ता है।
वैक्सीनेशन के बाद रिएक्शन
कमजोर इम्यून सिस्टम
⚠️ बुखार के लक्षण कैसे पहचानें?
बच्चे का शरीर गर्म और चेहरा लाल हो जाना
ठंड लगना, लेकिन बॉडी टेम्परेचर हाई होना
खाने की इच्छा कम हो जाना
बच्चे का चिड़चिड़ा होना या बार-बार रोना
थकावट और सुस्ती महसूस होना
बार-बार कान खींचना या कान में दर्द की शिकायत
नींद में गड़बड़ी
🩺 इलाज और देखभाल कैसे करें?
सबसे पहले बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें
बुखार की दवा केवल डॉक्टर की सलाह से दें
बच्चे को अधिक से अधिक पानी और तरल चीजें पिलाएं
बच्चे की सांस लेने के पैटर्न पर ध्यान दें
अगर बुखार 3 दिन से ज्यादा बना रहे, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
हर बार बुखार का समय और तापमान नोट करें
अगर बच्चा तेज रो रहा हो या सांस लेने में तकलीफ हो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
📌 ध्यान दें
बार-बार बुखार आना किसी भीतरी संक्रमण, जेनेटिक स्थिति या इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। इसलिए घरेलू इलाज के भरोसे न रहें, और डॉक्टर से जांच जरूर करवाएं।
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