मैदा, जिसे रिफाइंड आटा भी कहा जाता है, गेहूं से बना एक प्रकार का आटा है।यह कई तरह के खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होता है, जैसे कि ब्रेड, पास्ता, पिज्जा, मिठाई और कुकीज।
हालांकि, डायबिटीज रोगियों के लिए मैदा से बनी चीजें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं:
1. ब्लड शुगर का स्तर बढ़ाना:
- मैदा कार्बोहाइड्रेट का एक उच्च स्रोत है, जो रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकता है।
- डायबिटीज रोगियों में, रक्त शर्करा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकती है।
2. हृदय रोग का खतरा बढ़ाना:
- मैदा में फाइबर की मात्रा कम होती है, जो हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक है।
- इसके अलावा, मैदा परिष्कृत होता है, जिसका अर्थ है कि इसमें प्राकृतिक तेल और पोषक तत्व हटा दिए जाते हैं।
- यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को बढ़ा सकता है और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।
3. मोटापा:
- मैदा से बनी चीजें कैलोरी में उच्च होती हैं और भरने में कम होती हैं।
- इसका मतलब है कि आप इनसे अधिक खा सकते हैं और वजन बढ़ सकते हैं।
- मोटापा टाइप 2 मधुमेह के विकास के लिए एक जोखिम कारक है।
4. हड्डियों को कमजोर करना:
- कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मैदा का सेवन हड्डियों के घनत्व को कम कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि मैदा मैग्नीशियम जैसे खनिजों को अवशोषित कर सकता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
डायबिटीज रोगियों के लिए मैदे के बेहतर विकल्प:
- साबुत अनाज: साबुत अनाज में फाइबर और पोषक तत्व भरपूर होते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- जई: जई एक प्रकार का साबुत अनाज है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी है।
- दालें: दालें प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
- फल और सब्जियां: फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होती हैं और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
यदि आप मधुमेह के रोगी हैं, तो अपने आहार में मैदे से बनी चीजों की मात्रा को सीमित करना और इसके बजाय स्वस्थ विकल्पों का चुनाव करना महत्वपूर्ण है।
यह भी पढ़ें:-